गढ़वाल में परिवहन सेवाएं ठप, टैक्स छूट और अन्य मांगों को लेकर ट्रांसपोर्टरों का चक्का जाम

परिवहन महासंघ के आह्वान पर गढ़वाल मंडल में आज परिवहन सेवाएं पूरी तरह ठप ही रहीं। ट्रांसपोर्टरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय चक्का जाम भी किया, जिससे आम जनजीवन प्रभावित भी हुआ। देहरादून, ऋषिकेश से लेकर टिहरी तक सड़कों पर सन्नाटा ही पसरा रहा और लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा।

व्यावसायिक वाहन चालकों ने दो वर्ष के टैक्स में छूट, टैक्स वृद्धि के नियम को समाप्त करने व आरटीओ फिटनेस सेंटर शुरू करने जैसी मांगों को लेकर विरोध भी जताया। आंदोलन को देहरादून व पर्वतीय जिलों की यूनियनों का भी समर्थन मिला।

ऋषिकेश में वाहनों का संचालन ठप

ऋषिकेश में ट्रांसपोर्टरों ने कई स्थानों पर वाहन खड़े कर संपूर्ण संचालन रोक भी दिया। कर्णभूमि टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष मदन मोहन नवानी ने कहा कि हड़ताल का फैसला सभी चालकों पर छोड़ भी दिया गया है, जबकि जय माँ जिलासू चंडीका टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह कंडारी ने आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की बात भी कही। उन्होंने मांग की कि आरटीओ कार्यालय में बंद पड़े फिटनेस सेंटर को तुरंत ही शुरू किया जाए, ताकि वाहन स्वामियों को राहत भी मिल सके।

नई टिहरी में हड़ताल का व्यापक असर

नई टिहरी में जीप, टैक्सी, बस व ट्रक यूनियनों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से ही बस अड्डा व टैक्सी स्टैंड सुनसान नजर आए। कुछ निजी वाहनों को यूनियन सदस्यों ने रोक भी दिया। लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक साधनों का सहारा भी लेना पड़ा।

यूनियनों की संयुक्त बैठक में बना आंदोलन का निर्णय

टिहरी गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन (टीजीएमओ) कार्यालय में ट्रक, डंपर, विक्रम, ऑटो, ई-रिक्शा, बस यूनियनों की बैठक में आंदोलन का फैसला भी लिया गया। टीजीएमओ अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने बताया कि बीते सोमवार देहरादून में परिवहन सचिव ने कुछ मांगें मानने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन कोई ठोस कदम ही नहीं उठाया गया।

ट्रांसपोर्टर गजेंद्र नेगी ने कहा कि पिछले वर्ष ट्रकों की भार क्षमता बढ़ाने के मुद्दे पर भी विभाग ने 21 दिन में समाधान का वादा भी किया था, पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। गढ़वाल ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश बहुगुणा व बिजेंद्र कंडारी ने कहा कि सरकार लगातार ट्रांसपोर्टरों की अनदेखी कर रही है, इसलिए यह चक्का जाम भी आवश्यक था।

अधिकारियों ने की बातचीत, नहीं बनी सहमति

चक्का जाम से पहले आयोजित बैठक में ट्रांसपोर्टरों को मनाने के लिए एआरटीओ (प्रशासन) रावत सिंह कटारिया व एआरटीओ (प्रवर्तन) रश्मि पंत भी पहुंचे। उन्होंने बताया कि 10 सूत्रीय मांगों में से 80 प्रतिशत का समाधान मुख्यालय स्तर पर किया भी जा चुका है और बाकी प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं।
इनमें वाहनों की फिटनेस जांच पूर्ववत शुरू करने, एक साल का टैक्स माफ करने, आपदा में अधिग्रहण वाहनों का किराया बढ़ाने, राष्ट्रीय परमिट व्यवस्था में एकरूपता लाने व ट्रकों की भार क्षमता बढ़ाने जैसी मांगें भी शामिल हैं।