सन्नाटा टूटा, जागीं उम्मीदें गैरसैंण में फिर लौटी रौनक; मानसून सत्र से पहाड़वासियों को नई उम्मीद

गैरसैंण (भराड़ीसैंण)। करीब एक वर्ष बाद प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण एक बार फिर से जीवंत हो उठी है। आज मंगलवार से शुरू हो रहे विधानसभा मानसून सत्र के लिए सरकार व विपक्ष दोनों ही भराड़ीसैंण पहुंच चुके हैं। लंबे सन्नाटे के बाद जन अपेक्षाओं का केन्द्र बनी गैरसैंण एक बार फिर सुर्खियों में है और लोगों को इस सत्र से नई दिशा और विकास की उम्मीदें जाग उठी हैं।

पिछले साल 21 अगस्त को गैरसैंण में मानसून सत्र आयोजित हुआ था। वही इस बार सत्र 19 अगस्त से शुरू हो रहा है। इस एक साल के दौरान राज्य की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव आए और देहरादून में बजट सत्र भी सम्पन्न हुआ, लेकिन भराड़ीसैंण में खामोशी छाई ही रही।

सन्नाटा टूटा, उम्मीदें जागीं

सोमवार से गैरसैंण का सन्नाटा आखिर टूट गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने मंत्रिमंडल व विधायकों के साथ भराड़ीसैंण पहुंच गए हैं, जबकि विपक्ष भी एकजुट होकर सरकार को घेरने की तैयारी में भी है। देहरादून से गैरसैंण तक के सफर में इस वर्ष की आपदा के घाव भी साफ दिखे, लेकिन इन्हीं दुश्वारियों के बीच लोगों को सरकार से उम्मीद की एक नई किरण नजर भी आई है।

प्रदेशवासी उम्मीद लगा रहे हैं कि दुर्गम रास्तों से होकर गैरसैंण पहुंचे जनप्रतिनिधि पहाड़ की समस्याओं को नजदीक से भी समझेंगे और इस बार सदन में उनके समाधान के लिए ठोस निर्णय भी लिए जाएंगे। बारिश, भूस्खलन व टूटी सड़कों से जूझकर विधानसभा तक पहुंची सरकार और अधिकारियों की यह यात्रा अब जनता के लिए राहत के रास्ते भी खोलेगी – ऐसी उम्मीदें बढ़ गई हैं।

“अगर सरकार पहाड़ चढ़ने का मन बना ले, तो कोई चुनौती कठिन नहीं”

लगातार बारिश के बीच मलबे व भू-स्खलन के खतरे से गुजरते हुए सरकारी वाहन सोमवार को गैरसैंण में पहुंचे। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि अगर सरकार वास्तव में पहाड़ पर चढ़ने का संकल्प ले तो कोई भी बाधा असंभव ही नहीं रहती। अब देखना यह होगा कि विधानसभा के इस सत्र से पहाड़वासियों के लिए कौन-कौन से निर्णय निकलते सामने आते हैं।