देहरादून और पर्वतीय जिलों की सड़कें गड्ढों से भरी, सरकार ने तेज मरम्मत के निर्देश दिए
देहरादून। उत्तराखंड में इस बार मानसून ने सड़क नेटवर्क को भारी नुकसान भी पहुँचाया है। न केवल पर्वतीय जिलों में कई सड़कें नदियों के साथ बह गई हैं, बल्कि मैदानी जिलों में भी सड़कें क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। आम लोगों को इन खराब सड़कों के कारण भारी असुविधा भी हो रही है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने गड्ढा मुक्त सड़कों के लिए मिशन मोड पर काम करने के निर्देश भी जारी किए हैं।
मिशन मोड पर सड़कें होंगी गड्ढा मुक्त
राज्य भर में तमाम सड़कों को चिन्हित कर निर्माण व मरम्मत के लिए तेजी से काम शुरू करने का आदेश भी दिया गया है। हालांकि इस बार मानसून के कारण नुकसान अधिक होने से सड़कों को जल्द ठीक करना चुनौतीपूर्ण भी होगा।
डेडलाइन 31 अक्टूबर तय
लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि लगातार बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत अभी संभव ही नहीं है। विभाग 15 सितंबर से गड्ढा मुक्त सड़क अभियान शुरू भी करेगा और पूरे प्रदेश की सड़कों को 31 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य भी रखा गया है।
“मानसून में सड़कें खराब होने से लोगों को भारी परेशानी भी हो रही है। बारिश की वजह से काम तुरंत शुरू ही नहीं हो सका। 15 सितंबर से अभियान शुरू कर करीब डेढ़ माह में सड़कों को गड्ढा मुक्त कर देंगे।” – पंकज कुमार पांडेय, सचिव, लोक निर्माण विभाग
सबसे ज्यादा नुकसान पर्वतीय जिलों में
उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिलों की सड़कों को सबसे ज्यादा नुकसान भी हुआ है। वहीं, जनसंख्या के लिहाज से मैदानी जिलों में भी सड़कों पर गड्ढों के कारण लोगों को दिक्कत भी हो रही है।
मैदानी जिलों से मरम्मत की शुरुआत
विभाग ने देहरादून जैसे मैदानी जिलों से गड्ढा भरने का काम भी शुरू किया है। इन दिनों हल्की बारिश व धूप में लोक निर्माण विभाग जितना संभव हो रहा है, उतने क्षेत्र में मरम्मत भी कर रहा है।
पहाड़ी इलाकों की स्थिति
पर्वतीय इलाकों में कई सड़कें अभी भी बंद ही हैं और कुछ जगह पूरी तरह वॉशआउट हैं। इन सड़कों को दुरुस्त करने में अधिक समय भी लग सकता है।