दोस्त की हत्या के मामले में दो दोषियों को आजीवन कारावास, अदालत ने सुनाई सख्त सजा

नई टिहरी: दोस्त की निर्मम हत्या के 6 साल पुराने मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित कुमार सिरोही की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने दोष सिद्ध होने पर 2 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक पर 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्तों को एक-एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा।

मामला वर्ष 2018 का है। शीशमझाड़ी निवासी केदार सिंह बिष्ट ने 30 अक्तूबर 2018 को थाना मुनिकीरेती में अपने 19 वर्षीय बेटे सिद्धार्थ बिष्ट की गुमशुदगी की तहरीर भी दी थी। उन्होंने बताया कि उनका बेटा सुबह स्कूटर लेकर घर से निकला था, लेकिन वापस ही नहीं लौटा।

तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने जांच भी शुरू की। 2 नवंबर 2018 को मामला दर्ज किया गया। पूछताछ के दौरान पुलिस ने सिद्धार्थ के दोस्तों अतुल वाल्मीकि (निवासी धोबीघाट, चंद्रेश्वर नगर, ऋषिकेश) व आकाश मंडल (निवासी शीशमझाड़ी, मुनिकीरेती) को हिरासत में लिया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने सिद्धार्थ का शव मुनिकीरेती क्षेत्र में एक टापू पर गड्ढे में दबा हुआ भी बरामद किया।

जांच में खुलासा हुआ कि आकाश मंडल, सिद्धार्थ की बहन के साथ अभद्र व्यवहार भी कर रहा था। सिद्धार्थ ने इसका विरोध किया, जिससे दोनों के बीच रंजिश भी हो गई। इसी रंजिश के चलते 30 अक्तूबर 2018 को दोनों आरोपियों ने सिद्धार्थ को लकड़घाट मुनिकीरेती बुलाकर उसकी हत्या ही कर दी।

पुलिस ने 18 जनवरी 2019 को आरोपपत्र अदालत में दाखिल भी किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 12 गवाहों और कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों को दोषी सिद्ध भी किया। अदालत ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए 28 अक्तूबर 2025 को दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई।