मानसून सत्र आज से शुरु, गैरसैंण में सदन गरमाने के आसार
गैरसैंण (भराड़ीसैंण)। उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। सत्र को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों ही ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में पहुंच चुके हैं। सत्र के दौरान आपदा प्रबंधन व त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में कथित अनियमितताओं को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में भी है। दूसरी ओर सरकार अनुपूरक बजट सहित 9 महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पेश भी करने जा रही है।
सत्र से पहले सभी व्यवस्थाएं भी पूरी कर ली गई थीं। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। सोमवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी हेलिकॉप्टर से गैरसैंण पहुंचे, जहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों का गैरसैंण पहुंचना लगातार ही जारी है।
विपक्ष उठाएगा ये मुद्दे
सदन के भीतर आपदा, पंचायत चुनावों में गड़बड़ी, कानून-व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य व भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जोरदार हंगामा होने की संभावना भी है। विपक्ष ने सरकार को इन सभी मामलों पर घेरने की रणनीति भी तैयार कर ली है। वहीं, सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के सवालों का मजबूती से जवाब देने के लिए योजना भी बनाई है। सत्र के दौरान मंत्रियों के सामने 550 से अधिक प्रश्न भी रखे जाएंगे।
ये विधेयक होंगे सदन में पेश
- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025
- उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025
- उत्तराखंड साक्षी संरक्षण (निरसन) विधेयक 2025
- उत्तराखंड समान नागरिकता (संशोधन) विधेयक
- लोकतंत्र सेनानियों की सुविधाएं बढ़ाने संबंधी विधेयक 2025
- पंचायत राज (संशोधन) विधेयक
- अनुपूरक विधेयक
करीब 5000 करोड़ का अनुपूरक बजट
सरकार अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से लगभग 5000 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी पेश करेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी वित्त मंत्री के रूप में बजट को सदन में प्रस्तुत भी करेंगे।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कहा,
“सत्र की सभी तैयारियां पूरी हैं। उम्मीद है कि सत्ता व विपक्ष दोनों सदन को सुचारु रूप से चलाने में सहयोग करेंगे।”
संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा,
“सरकार विपक्ष के हर सवाल का मजबूती से जवाब देने के लिए तैयार है I 9 विधेयकों के अलावा विभिन्न विभागों की रिपोर्ट भी सदन में रखी जाएगी।”
वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा,
“सरकार ने सत्र की अवधि सिर्फ 4 दिन तय की है, जो बहुत कम है। हमारे पास क्षेत्रीय और जनहित से जुड़े कई मुद्दे हैं। सरकार गंभीर होती तो सत्र की अवधि को बढ़ाती।”