जनविरोध वाली शराब की दुकानें होंगी बंद, आबकारी विभाग ने सभी जिलों को जारी किया सख्त आदेश

उत्तराखंड में उन सभी शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया गया है, जिनके खिलाफ स्थानीय स्तर पर जनविरोध भी हो रहा है या जो नई दुकानें अब तक जनविरोध के चलते नहीं खुल सकीं। आबकारी आयुक्त हरिचंद्र सेमवाल की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि ऐसी सभी दुकानों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त भी किए जाएं।

आबकारी नियमों के तहत कार्रवाई

आदेश में आबकारी नीति विषयक नियमावली-2025 के नियम 28.1 और 28.4 (ए) का हवाला देते हुए कहा गया है कि इन नियमों के तहत यदि किसी दुकान के खिलाफ स्थानीय लोगों का व्यापक विरोध है, तो वह दुकान चालू ही नहीं रह सकती। इस आधार पर अब उन दुकानों को पूरी तरह से बंद भी किया जाएगा।

लाइसेंस रद्द, जमा राजस्व की वापसी संभव

आबकारी विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन दुकानों के अनुज्ञापियों (लाइसेंसधारकों) ने किसी भी प्रकार की राजस्व राशि जमा की है, उसकी वापसी (रिफंड) से संबंधित प्रस्ताव शासन को भी भेजा जाएगा, जहां से अनुमति मिलने के बाद ही रिफंड की प्रक्रिया भी पूरी होगी।

जनता की भावनाओं का रखा जाएगा ध्यान

इस निर्णय को लेकर सरकार की ओर से यह संकेत भी मिल रहा है कि अब शराब की दुकानों को लेकर स्थानीय जनता की भावनाओं को प्राथमिकता भी दी जाएगी। जिन क्षेत्रों में महिलाओं, युवाओं व सामाजिक संगठनों ने शराब बिक्री का विरोध भी किया है, वहां इस निर्णय को राहत के रूप में देखा जा रहा है।

उत्तराखंड सरकार ने आबकारी नीति के तहत जनविरोध को गंभीरता से लेते हुए शराब की दुकानों पर बड़ा निर्णय भी लिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अब लाइसेंस देने से पहले स्थानीय सहमति व सामाजिक स्वीकार्यता को अहमियत दी जाएगी।