नैनीताल कोषागार में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़, मुख्य कोषाधिकारी और लेखाधिकारी रंगे हाथ गिरफ्तार

नैनीताल। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान के तहत विजिलेंस विभाग ने नैनीताल कोषागार कार्यालय में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य कोषाधिकारी और लेखाधिकारी को 1 लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार भी किया है। यह कार्रवाई शुक्रवार शाम को सतर्कता अधिष्ठान में दर्ज शिकायत के आधार पर ही की गई। रात 8 बजे तक विजिलेंस टीम दस्तावेजों की तैयारी में भी जुटी रही।

शिकायतकर्ता ने खुद को नैनीताल न्यायालय का कर्मचारी भी बताया, जिसके अनुसार उसके और 5 अन्य साथियों की एसीपी (एसीपी प्रमोशन) प्रक्रिया के लिए एक 3 सदस्यीय कमेटी गठित भी की गई थी। समिति में शामिल मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा हस्ताक्षर करने से लगातार टालमटोल भी कर रहे थे। शिकायत के अनुसार, लेखाधिकारी बसंत कुमार जोशी ने रिश्वत की मांग की और कहा कि “प्रत्येक व्यक्ति से ₹20,000 देने होंगे, कुल ₹1.20 लाख।”

विजिलेंस की ट्रैप टीम का गठन तत्काल किया गया

शिकायत की पुष्टि होने के बाद पुलिस उपाधीक्षक (सतर्कता) अनिल मनराल व निरीक्षक भानू आर्या के नेतृत्व में ट्रैप टीम गठित भी की गई। शुक्रवार शाम लगभग 5 बजे दोनों अधिकारियों को शिकायतकर्ता से नकद ₹1.20 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार भी कर लिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान:

  • दिनेश कुमार राणा, मुख्य कोषाधिकारी, निवासी सैनिक स्कूल रोड, नैनीताल
  • बसंत कुमार जोशी, लेखाधिकारी, निवासी गैस गोदाम रोड, हल्द्वानी

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज

विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।

सफल कार्रवाई पर ट्रैप टीम को नकद इनाम

सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी. मुरूगेशन ने ट्रैप टीम की सफलता पर संतोष जताते हुए उन्हें नकद पुरस्कार देने की घोषणा भी की है।