उत्तराखंड दौरे के बाद अमित शाह की सीएम धामी को सोशल मीडिया पर सराहना, सियासी गलियारों में हलचल तेज
देहरादून: उत्तराखंड से लौटने के 2 दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम पुष्कर सिंह धामी की सोशल मीडिया पर खुलकर तारीफ भी कर दी। सोमवार को की गई इस पोस्ट ने राज्य की राजनीति में सियासी तापमान भी बढ़ा दिया है, और यह संकेत दिया है कि सीएम धामी न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद हैं, बल्कि अब गृह मंत्री शाह की ‘गुड बुक’ में भी जगह बना ही चुके हैं।
निवेश उत्सव में दिखी शाह और धामी की केमिस्ट्री
बीते शनिवार को रुद्रपुर में आयोजित 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश उत्सव में अमित शाह की मौजूदगी पहले ही राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय भी बन चुकी थी। मंच पर शाह व धामी के बीच दिखी सहजता और सामंजस्य ने कई संदेश भी दिए। गृह मंत्री ने मंच से ही मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाते हुए कहा था कि निवेशकों के वादों को ज़मीन पर उतारने का कार्य भी सराहनीय है।
सोमवार को सोशल मीडिया पर फिर याद किया निवेश महोत्सव
अमित शाह ने सोमवार को फेसबुक पोस्ट के ज़रिए रुद्रपुर दौरे को दोबारा याद किया और उत्तराखंड में रिकॉर्ड निवेश के लिए मुख्यमंत्री धामी को बधाई भी दी। उन्होंने लिखा,
“मैदानी राज्यों की तुलना में पहाड़ी राज्यों में निवेश लाना किसी चुनौती से कम भी नहीं होता। लेकिन उत्तराखंड ने परंपरागत सोच को तोड़ते हुए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित भी कर दिखाया है। इसके लिए मैं राज्य की जनता व उनके प्रतिनिधि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को साधुवाद देता हूँ।”
राजनीतिक विश्लेषकों में चर्चाएं तेज
शाह की इस पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। अब माना जा रहा है कि सीएम धामी की पकड़ सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह का भी भरोसा जीत लिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह पोस्ट न केवल मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली की ऊंची स्वीकार्यता को दर्शाता है, बल्कि पार्टी के अंदरूनी समीकरणों में भी इसका गहरा असर भी पड़ सकता है।
पार्टी मंच पर बदला संदेश, विरोधियों में हलचल
शाह की पोस्ट से जहां सीएम धामी के समर्थकों को ऊर्जा भी मिली है, वहीं पार्टी के अंदर व बाहर उन्हें कम आंकने वालों में बेचैनी देखी जा रही है। माना जा रहा है कि यह संदेश सिर्फ प्रशंसा तक सीमित नहीं, बल्कि 2027 की तैयारियों व संगठनात्मक संकेतों की दिशा में भी एक स्पष्ट संकेत भी है।