उत्तरकाशी: चीन सीमा से पोकलैंड मशीनें एयरलिफ्ट, धराली में पहाड़ काटकर बनाया जा रहा नया रास्ता
उत्तरकाशी के धराली में तबाही के बाद राहत कार्य तेज़, वायुसेना की मदद से पोकलैंड मशीनें एयरलिफ्ट I उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही के बीच भारतीय वायुसेना की मदद से चीन सीमा से पोकलैंड मशीनें एयरलिफ्ट कर लाई जा रही हैं। इन मशीनों की मदद से मलबा हटाने और बंद रास्तों को खोलने का काम तेज़ी से जारी है। सीमा सड़क संगठन (BRO) के जवान पहाड़ काटकर वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों और राहत दलों की आवाजाही सुगम हो सके। प्रशासन का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द संपर्क मार्ग बहाल कर जनजीवन सामान्य किया जा सके।
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में भारी बारिश व भूस्खलन से कई सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। लगातार हो रही बारिश के चलते आवागमन पूरी तरह बाधित ही हो गया है। अब भारतीय वायुसेना की मदद से पोकलैंड मशीनों को एयरलिफ्ट कर प्रभावित क्षेत्रों में भेजा भी जा रहा है, ताकि मलबा हटाने और सड़कें खोलने के काम में तेजी भी लाई जा सके।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का राहत अभियान जारी
सीमा सड़क संगठन (BRO) के जवान लगातार दिन-रात राहत व मरम्मत कार्य में जुटे हुए हैं। हालात गंभीर हैं और रास्तों को बहाल करने में भारी चुनौतियां भी सामने आ रही हैं।
प्रमुख क्षतिग्रस्त रास्ते:
- मनेरी: भटवाड़ी से लगभग 10 किलोमीटर पहले मनेरी में सड़क का एक हिस्सा ही धंस गया है। मरम्मत कार्य जारी है।
- भटवाड़ी: 2 स्थानों पर चट्टानें गिरने से सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है। जवान अब पहाड़ काटकर वैकल्पिक मार्ग तैयार करने की कोशिश भी कर रहे हैं।
- पुल बहा: भटवाड़ी से 15 किलोमीटर आगे एक पुल बह गया है। बीआरओ के जवान पैदल क्षेत्र का निरीक्षण भी कर चुके हैं, और अब नया पुल तैयार करने की योजना भी बनाई जा रही है।
- डबरानी: इस क्षेत्र में भी सड़क का बड़ा हिस्सा बारिश के पानी में बह गया है। अधिकारियों को आशंका है कि जैसे-जैसे राहत दल आगे बढ़ेगा, अधिक नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है।
मरम्मत के बाद फिर धंसी सड़क
बीआरओ ने मंगलवार रात को भटवाड़ी क्षेत्र में एक रास्ता अस्थायी रूप से दुरुस्त भी किया था, लेकिन देर रात वह मार्ग फिर से ही धंस गया। इससे कार्यों में और भी मुश्किलें आ गई हैं।
चीन सीमा से पोकलैंड मशीनें धराली पहुंचाई जा रहीं
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चीन सीमा से पोकलैंड मशीनों को वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की मदद से धराली में पहुंचाया जा रहा है, ताकि तेज़ी से सड़कें खोली जा सकें और स्थानीय जनजीवन को सामान्य भी किया जा सके।