उत्तराखंड को मिला सशक्त भू-कानून, राज्यपाल की मंजूरी से नौ विधेयकों को मिली हरी झंडी

विधानसभा से पारित विधेयकों पर राजभवन की मुहर, भूमि सुधार समेत कई अहम क्षेत्रों को मिलेगा लाभ

देहरादून : उत्तराखंड राज्य को बहुप्रतीक्षित सशक्त भू-कानून आखिरकार भी मिल गया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह विधेयक अब लागू भी हो गया है। इसके साथ ही फरवरी में विधानसभा सत्र के दौरान पारित कुल 9 विधेयकों पर भी राज्यपाल ने मुहर लगा दी है। इन विधेयकों के माध्यम से राज्य में भूमि, नगर नियोजन, शिक्षा, खेल, कर व्यवस्था और सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण संशोधन भी लागू किए जाएंगे।

कानून व्यवस्था में बड़ा सुधार

नए भू-कानून को राज्य में भूमि की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण और स्थानीय निवासियों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है। यह विधेयक लंबे समय से जनभावनाओं से जुड़ा मुद्दा रहा है और इसके पारित होने से अब भूमि प्रबंधन को लेकर अधिक पारदर्शिता और नियंत्रण भी सुनिश्चित हो सकेगा।

राज्यपाल से स्वीकृत अन्य विधेयक

राजभवन से जिन अन्य विधेयकों को स्वीकृति मिली है, उनमें शामिल हैं:

  1. उत्तराखंड निरसन विधेयक, 2025
  2. उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास (संशोधन) विधेयक, 2025
  3. उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाड़ियों के लिये क्षैतिज आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2025
  4. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025
  5. उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025
  6. उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
  7. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक, 2024 (प्रवर समिति द्वारा मूल रूप में यथासंस्तुत)

इन विधेयकों के माध्यम से राज्य में शहरी विकास, खेल क्षेत्र में आरक्षण, शिक्षा क्षेत्र में मानकीकरण, कर प्रणाली में सुधार व नगर निकायों के कामकाज को और अधिक सशक्त और व्यवस्थित बनाया जाएगा।

सरकार की बड़ी उपलब्धि

विधानसभा से पारित इन विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी मिलना सरकार की एक अहम उपलब्धि के रूप में भी देखा जा रहा है। इससे न सिर्फ प्रशासनिक कार्यों को गति मिलेगी, बल्कि आम जनता को भी इन कानूनों से सीधा लाभ भी पहुंचेगा।

उत्तराखंड को अब बहुप्रतीक्षित सशक्त भू कानून के साथ-साथ 9 अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों का लाभ मिलेगा, जिससे राज्य के विकास और प्रशासनिक दक्षता में नया अध्याय जुड़ने की उम्मीद भी है।