मसूरी में भीषण जल संकट: बारिश से ठप पेयजल योजना, दो दिन से प्यासे लोग
मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी इन दिनों भीषण जल संकट से भी जूझ रही है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने शहर की पेयजल व्यवस्था को ही ठप कर दिया है। हालात ऐसे हैं कि कई इलाकों में 2 दिनों से एक बूंद पानी नहीं आया और लोग पीने के पानी के लिए भटक भी रहे हैं।
मसूरी में पानी की आपूर्ति को सुचारु रखने के लिए केंद्र सरकार ने 144 करोड़ की लागत से “मसूरी-यमुना पेयजल पंपिंग योजना” भी शुरू की थी। इस योजना से यमुना नदी से पानी लिफ्ट कर प्रतिदिन 7 एमएलडी पानी शहर को सप्लाई भी किया जाता था। लेकिन हाल ही में हुई भारी बारिश से केम्प्टी के पास बोल्डर फील्ड गैलरी (BFG) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, जिसके कारण योजना से पानी की आपूर्ति ही बंद है।
शहर में रोजाना करीब 14 एमएलडी पानी की जरूरत भी होती है, जिसमें से 7 एमएलडी स्थानीय स्रोतों से भी आता है। लेकिन शेष 7 एमएलडी पानी पंपिंग योजना से ही आता था, जो अब ठप ही है। इस कारण मसूरी के कई मोहल्लों में पेयजल संकट और भी गहराता जा रहा है।
जल निगम के अधिशासी अभियंता संजीव वर्मा ने बताया कि
लगातार बारिश से गैलरी क्षतिग्रस्त हो गई है और जमीन भी अब दरक रही है। पंपिंग स्टेशन के पास गाद भरने से मरम्मत कार्य बेहद ही कठिन हो गया है। कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए काम धीमा चल रहा है, लेकिन विभाग की कोशिश है कि 1 से 2 दिन में आपूर्ति बहाल कर दी जाए।
वहीं गढ़वाल जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अमित कुमार ने भी माना कि स्थिति गंभीर ही है। स्थानीय जल स्रोतों में भी गाद भरने से लिफ्टिंग ही नहीं हो पा रही है। हालांकि विभाग की टीमें फील्ड में डटी हुई हैं और जल्द समाधान का प्रयास भी किया जा रहा है।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि हर वर्ष मसूरी में पेयजल संकट खड़ा हो जाता है, लेकिन प्रशासन सिर्फ बहाने बनाकर टाल देता है। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि बड़े होटलों को तो भरपूर पानी मिल रहा है, जबकि आम जनता को घंटों लाइन लगाने के बाद भी पानी ही नहीं मिलता।
ग्रामीणों ने मसूरी के विधायक व कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से अपील की है कि पेयजल वितरण के लिए एक स्पष्ट व पारदर्शी नीति बनाई जाए, ताकि हर नागरिक तक बराबर पानी पहुंच सके।