रुड़की: जिम ट्रेनर वसीम की संदिग्ध मौत मामला, छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज
रुड़की। हरिद्वार जिले के रुड़की में करीब 1 वर्ष पहले जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू की मौत के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। कोर्ट के आदेश पर गंगनहर कोतवाली पुलिस ने 3 नामजद समेत 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि 24/25 अगस्त 2024 को सोहलपुर गाड़ा गांव निवासी वसीम का शव माधोपुर गांव के तालाब से संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद भी हुआ था। परिजनों का आरोप था कि वसीम को गौ संरक्षण स्क्वायड से जुड़े पुलिसकर्मियों ने लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या ही कर दी और बाद में उसका शव तालाब में भी फेंक दिया गया।
मृतक के चचेरे भाई अल्लाउद्दीन ने इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका भी दायर की थी। आरोप है कि घटना के समय वसीम मदद के लिए चिल्ला भी रहा था और कुछ ग्रामीण उसे बचाने भी पहुंचे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें गोली मारने की धमकी देकर भगा भी दिया। अगले दिन तालाब से वसीम का शव मिला, जिस पर चोट के निशान भी थे।
परिजनों की शिकायत के बावजूद उस समय कोई मुकदमा ही दर्ज नहीं हुआ। लंबे समय तक कार्रवाई न होने पर मामला अदालत में पहुंचा। सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट ने 3 नामजद पुलिसकर्मी — उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी व प्रवीण सैनी समेत अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए। साथ ही, कोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल को सीओ रैंक के अधिकारी से निष्पक्ष जांच कराने के निर्देश भी दिए।
मामले में उतार-चढ़ाव के बीच, बीती 4 सितंबर को एडीजे कोर्ट तृतीय राकेश कुमार सिंह ने सुनवाई के बाद गौ संरक्षण स्क्वायड टीम की रिवीजन अर्जी ही खारिज कर दी। इसके बाद गंगनहर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए 6 पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस भी दर्ज किया।
एसपी देहात शेखर सुयाल ने पुष्टि की कि नामजद उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, प्रवीण सैनी व 3 अन्य पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल मामले की जांच जारी ही है।