हरीश रावत के बचाव में प्रीतम सिंह, हरक सिंह रावत पर पलटवार, 2016 की घटनाओं पर उठे नए सवाल

हाल हि में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने हरीश रावत पर निशाना साधा था कि हरीश रावत ने एक शराब ब्रांड के लिए पूरी सरकार क़ो बदनाम कर दिया था। वहीं, साल 2016 क़ी बगावत के लिए हरीश रावत को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था । वहीं, अब प्रीतम सिंह कहीं ना कहीं हरीश रावत का बचाव किया है।

वहीं, प्रीतम सिंह ने हरीश रावत का बचाव करते हुए कहा है कि जिस शराब ब्रांड क़ी बात हो रही हैं उसे मंडी के माध्यम से बेचने का काम हो रहा था ये तो कैबिनेट मे फैसला भी हुआ था। साथ हि उनके अनुसार कैबिनेट मे हरक सिंह रावत भी थे तब उसका विरोध क्यों नहीं किया जो फैसला हुआ वो सामूहिक निर्णय था किसी एक व्यक्ति का निर्णय नहीं था। वही इस बीच मामला और भी गर्माता हुआ नज़र आ रहा है

 

इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर से वर्ष 2016 में हुई घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में जब हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे तब उस समय हरक सिंह रावत ने अपनी ही सरकार गिराकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। आखिर एक मंत्री अगर जनता का काम नहीं करेगा तो वह क्या करेगा।

 

वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि उस समय जो डेनिस शराब का मामला चल रहा था वह भी एक मुद्दा ही था जिस तरह से डेनिश शराब मंडी के द्वारा होलसेल की जा रही थी वह सही भी नहीं था। मैंने उनसे कहा था कि इसको मंडी से हटा दो रात को उन्होंने हां कहा और सुबह वह अपनी बात से ही मुकर गए। मैंने उनसे कहा था कि इससे बदनामी भी हो रही है। इसके साथ ही हरक सिंह रावत ने और भी कई आरोप हरीश रावत के ऊपर ही लगाए। और इसी वहज के कारण मैंने उसे समय पार्टी को ही छोड़ा दिया था।

 

वहीं, हरक सिंह रावत के अनुसार अब हरीश रावत हमें उजाडू बैल कहे कुछ भी कहे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। उनके अनुसार वर्ष 2016 में सुबोध उनियाल को मंत्री बना दिया जाता और विजय बहुगुणा को राजयसभा भेज दिया जाता तो उत्तराखंड में कांग्रेस इतनी कमजोर भी कभी नहीं होती।

वहीं, प्रीतम सिंह ने अपने बयान में कहा कि डेनिश का प्रकरण बार-बार उठाने का काम करते है लेकिन इसे उठाने की अब आवश्यकता ही नहीं है। इस विषय में तो पूर्व सीएम हरीश रावत और हरक सिंह रावत हि बता पाएंगे। उन्होंने कहा की यह कैबिनेट का सामूहिक निर्णय है। यह केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं बनती है। वहीं, 2016 में गिराई गई सरकार के बारे में उन्होंने कहा कि यह तो हरक सिंह रावत हि पता पाएंगे की उन्होंने सरकार क्यों गिराई। साथ हि प्रीतम सिंह ने यह भी कहा कि मैं किसी का बचाव नहीं कर रहा हूँ।