2027 की तैयारी: कांग्रेस की एकजुटता से सरकार की बढ़ी मुश्किलें
भराड़ीसैंण (गैरसैंण): ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से कांग्रेस ने अपने आक्रामक रुख व एकजुटता दिखाकर प्रदेश सरकार के खिलाफ इरादे साफ भी कर दिए हैं। मानसून सत्र में कांग्रेस के उग्र तेवरों ने सरकार को सोचने पर विवश भी किया, वहीं “मित्र विपक्ष” की छवि को भी कांग्रेस ने तोड़ ही दिया। अब पार्टी सदन के साथ-साथ सड़कों पर भी सरकार को घेरने की रणनीति भी बना रही है।
नैनीताल जिला पंचायत चुनाव की घटनाओं से आक्रोशित कांग्रेस ने इस बार सरकार की कोई बात ही नहीं मानी। विपक्ष के सभी नेता अपने सामूहिक निर्णय पर अड़े ही रहे और यहां तक कि विधानसभा परिसर में पूरी रात भी गुजारी — जो राज्य विधानसभा के इतिहास में पहली बार भी हुआ।
सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बावजूद कांग्रेस नेता भराड़ीसैंण में डटे भी रहे। आमतौर पर सरकार विपक्ष पर भराड़ीसैंण में न ठहरने के आरोप भी लगाती थी, लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपनी मौजूदगी से इन आरोपों का जवाब भी दिया।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि
सदन में कांग्रेस ने सरकार की “तानाशाही” के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है और अब यह लड़ाई सड़कों पर जारी ही रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव में बीजेपी ने सत्ता, धनबल व बाहुबल का दुरुपयोग किया, जिसका कांग्रेस हर स्तर पर विरोध भी करेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2027 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस की यह एकजुटता व आक्रामक रणनीति उसकी सियासी जमीन को मजबूत करने का प्रयास भी है।