पेपर लीक केस: एसआईटी ने आयोग से मांगी खालिद के दस्तावेजों की जानकारी, क्राइम सीन को किया रिक्रिएट

देहरादून,  – उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। विशेष जांच टीम (SIT) ने अब इस प्रकरण में और सटीक जानकारी जुटाने के लिए आयोग को पत्र भेजा है, जिसमें मुख्य आरोपी खालिद द्वारा परीक्षा के लिए किए गए आवेदन से जुड़े दस्तावेजों की विस्तृत जानकारी मांगी गई है।

क्या मांगी गई जानकारी?

एसआईटी ने आयोग से पूछा है कि खालिद ने जिन चार परीक्षा केंद्रों के लिए आवेदन किए थे:

  • उन प्रत्येक आवेदन पत्र के साथ कौन-कौन से दस्तावेज जमा किए गए?

  • दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ और विवरण आयोग द्वारा उपलब्ध कराए जाएं।

एसआईटी को संदेह है कि इन दस्तावेजों के माध्यम से खालिद ने किसी विशेष केंद्र को चुनने की योजना बनाई थी, जहां से उसने पेपर लीक किया।

क्राइम सीन रिक्रिएशन और फोरेंसिक जांच

गंभीर आरोपों का सामना कर रहे खालिद को बृहस्पतिवार को क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए घटनास्थल पर ले जाया गया, जहां उसने कथित तौर पर परीक्षा के प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की फोटो खींची थी। इस प्रक्रिया को दस्तावेजी साक्ष्य के तौर पर केस डायरी में जोड़ा गया है।

इसके अलावा:

  • खालिद के मोबाइल की फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है।

  • आरोपी ने अपना मोबाइल पहले ही रीसेट कर दिया था, जिससे डाटा रिकवरी चुनौतीपूर्ण हो गई है।

  • एसआईटी ने उसकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) भी मंगाई है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि परीक्षा केंद्र के दिन खालिद किन-किन लोगों के संपर्क में था।

डंप डाटा की जांच: क्या था और कोई मददगार?

जांच का दायरा अब परीक्षा केंद्र के आसपास तक बढ़ा दिया गया है। पुलिस टीम डंप डाटा (उस क्षेत्र में उस समय सक्रिय मोबाइल नंबरों का डाटा) खंगाल रही है ताकि यह पता चल सके कि खालिद और उसकी बहन साबिया के अलावा कोई अन्य व्यक्ति उस समय मौजूद और संलिप्त था या नहीं।

अब तक की कार्रवाई में कौन-कौन फंसे?

  • मुख्य आरोपी खालिद और उसकी बहन साबिया को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

  • परीक्षा केंद्र के दो पुलिसकर्मियों सहित कई अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।

  • एसआईटी और पुलिस की टीमें मिलकर तकनीकी और डिजिटल साक्ष्यों के ज़रिए पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी हैं।

एसआईटी की जांच अब तकनीकी और दस्तावेजी साक्ष्यों के ज़रिए निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है। आयोग से प्राप्त होने वाली जानकारी, सीडीआर, डंप डाटा और फोरेंसिक रिपोर्ट आने वाले दिनों में पेपर लीक रैकेट की परतें खोल सकती हैं।