हरिद्वार चंडी मंदिर का प्रबंधन बीकेटीसी को सौंपा, हाईकोर्ट ने दी रीना बिष्ट को अग्रिम जमानत; मंदिर में अवांछित गतिविधियों पर न्यायालय सख्त
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के प्रसिद्ध चंडी देवी मंदिर से जुड़े विवादित मामले में एक बड़ा निर्णय सुनाते हुए मंदिर का अस्थायी प्रबंधन बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को सौंपने का आदेश भी दिया है। साथ ही, रीना बिष्ट को अग्रिम जमानत प्रदान करते हुए उन्हें सुरक्षा देने के निर्देश भी दिए हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने गंभीर आरोपों व मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ के मामले में ही दिया।
कोर्ट में हुआ पूरा घटनाक्रम उजागर
रीना बिष्ट की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका में कहा गया कि
उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। याचिका के अनुसार, रोहित गिरी, जो कि मंदिर के तत्कालीन महंत थे, ने रीना को घर पर शरण भी दी थी। बाद में दोनों के बीच संबंध भी विकसित हुए, जिससे एक बेटी का जन्म भी हुआ।
दावा किया गया कि 14 मई 2025 को रोहित गिरी को एक महिला से छेड़छाड़ के मामले में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार भी किया, जिसके बाद रीना को मंदिर के चढ़ावे की लूट में फंसाने व ट्रस्टी पद से जबरन इस्तीफा देने के लिए दबाव भी बनाया गया।
हाईकोर्ट ने जताई कड़ी नाराजगी
न्यायमूर्ति थपलियाल ने कहा कि मंदिर जैसे पवित्र स्थलों को निजी हितों व अनैतिक गतिविधियों का केंद्र नहीं बनने दिया जा सकता। उन्होंने सख्त लहजे में कहा:
“ये कैसे महंत हैं, जो शादीशुदा होते हुए लिव-इन में रह रहे हैं और फिर तीसरी महिला से छेड़छाड़ में जेल में भी हैं? मंदिरों की पवित्रता से खिलवाड़ बर्दाश्त ही नहीं होगा।”
कोर्ट के निर्देश
- चंडी मंदिर का प्रबंधन अगले आदेश तक बीकेटीसी को सौंपा गया।
- रीना बिष्ट को अग्रिम जमानत व सुरक्षा प्रदान की गई।
- मंदिर परिसर में सभी विवादित पक्षों के प्रवेश पर रोक लगाने की आवश्यकता भी जताई गई।
प्रशासन भी रहा मौजूद
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरिद्वार के डीएम व एसएसपी भी सुनवाई में शामिल हुए। हाईकोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया कि मंदिर की व्यवस्था व कानून-व्यवस्था सुनिश्चित भी की जाए।