उधारी की बिजली से विभाग रोशन, UPCL की हालत खराब…सरकारी विभागों पर बकाया भारी

उत्तराखंड सरकार के 84 विभाग तो उधारी की बिजली से जगमगा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की हालत अब खराब हो गई है। यूपीसीएल ने राज्य में केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना लागू की है, जिसके तहत बिजली बिलों का समय पर भुगतान भी अनिवार्य है, ताकि सरकार को मिलने वाले अनुदान को बचाया भी जा सके। लेकिन विडंबना ये है कि सरकार के ही विभागों ने बिजली बिलों का भुगतान भी टाल दिया है।

इसके परिणामस्वरूप, सरकारी विभागों पर 419 करोड़ रुपये का बकाया भी चढ़ चुका है। उधारी की भरपाई करने के लिए अब यूपीसीएल ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से हस्तक्षेप की गुजारिश भी की है। मुख्य सचिव ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी विभागों को बिजली बिलों का भुगतान करने का निर्देश भी जारी किया है।

यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक, अनिल यादव ने मुख्य सचिव से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की थी, साथ ही बकायेदार विभागों की सूची भी उन्हें भेजी गई थी। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुखों को पत्र जारी करते हुए कहा कि यूपीसीएल द्वारा लागू की गई आरडीएसएस योजना का मुख्य उद्देश्य विद्युत हानियों को कम करना और शत-प्रतिशत राजस्व वसूली सुनिश्चित करना है।

इस योजना का लक्ष्य 2024-25 तक विद्युत हानियों को शून्य पर लाना है। यदि यह लक्ष्य समय पर पूरा होता है, तो केंद्र सरकार से वित्तीय अनुदान मिलेगा, लेकिन अगर विभागों ने समय पर भुगतान नहीं किया तो यह अनुदान कर्ज में बदल सकता है। इसके मद्देनजर, सभी विभागों को अपनी बकाया बिजली बिलों का भुगतान शीघ्रता से करने और इसकी सूचना सचिव ऊर्जा को भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं।

प्रदेश सरकार के विभागों के लिए यह एक चेतावनी है, अगर बकाया भुगतान नहीं किया गया तो इसका सीधा असर उत्तराखंड की ऊर्जा और विकास योजनाओं पर भी पड़ेगा।