गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग फिर तेज — पूर्व IAS विनोद प्रसाद रतूड़ी 12 अक्टूबर से करेंगे धरना

उत्तराखंड में गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ रही है। पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद प्रसाद रतूड़ी ने इस मुद्दे पर बड़ा आंदोलन शुरू करने का एलान भी किया है। वे स्थायी राजधानी गैरसैंण समिति के बैनर तले 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे देहरादून के परेड ग्राउंड में अनिश्चितकालीन धरना भी देंगे।

पूर्व आईएएस रतूड़ी का कहना है कि उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने को हैं, लेकिन आज तक स्थायी राजधानी घोषित ही नहीं की गई। इसके कारण पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अवसरों की कमी बनी हुई है, जिसकी वजह से पलायन लगातार ही बढ़ रहा है।

उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार 9 नवंबर 2025 को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर गैरसैंण को स्थायी राजधानी भी घोषित करे।

रतूड़ी ने तर्क दिया कि यदि राजधानी पहाड़ों में नहीं होगी तो सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन खतरनाक स्थिति पैदा भी कर सकता है। मौजूदा समय में सरकारी नीतियां मैदानों तक सीमित रह गई हैं, जबकि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पहाड़ों के गांव सूने ही होते जा रहे हैं — जिससे राज्य की पहचान ही खतरे में है।

इससे पहले भी स्थायी राजधानी गैरसैंण समिति द्वारा संघर्ष जारी ही रखा गया था। रतूड़ी ने 21 सितंबर 2025 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन भी किया था। अब देहरादून में धरने के बाद वे गैरसैंण तक मार्च भी निकालेंगे।

पूर्व आईएएस का कहना है —

“यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि उत्तराखंड के भविष्य की लड़ाई है।”