देहरादून आपदा: छह और शव बरामद, मृतकों की संख्या 23 पहुंची; राहत-बचाव कार्य तेज
देहरादून
उत्तराखंड के देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में आई भीषण आपदा में गुरुवार को छह और शव बरामद किए गए हैं। इनमें चार शव देहरादून से और दो शव यमुना नदी में सहारनपुर के मिर्जापुर क्षेत्र से मिले हैं। इसके साथ ही आपदा में मृतकों की कुल संख्या 23 हो गई है, जबकि 17 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।
राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है। बुधवार को जब एसडीआरएफ की टीमों ने राहत व बचाव कार्य तेज किया, तो आपदा की भयावहता और भी स्पष्ट होकर सामने आई।
फुलेत गांव में सहारनपुर के छह मजदूर लापता
देहरादून के फुलेत गांव में सहारनपुर के छह मजदूर लापता हैं। आशंका है कि वे एक मकान के मलबे में दबे हो सकते हैं। एसडीआरएफ की टीम बुधवार सुबह से यहां सर्च ऑपरेशन चला रही है।
इसके अलावा, सौंग, टोंस और आसन नदियों में उफान से कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। टोंस नदी में बहे 15 मजदूरों में से 8 के शव सहसपुर क्षेत्र से बरामद हुए थे, जबकि 2 को जिंदा बचाया गया था। अब भी 5 मजदूर लापता हैं।
यमुना, सौंग और आसन नदियों से मिले शव
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दो शव यमुना नदी में सहारनपुर के मिर्जापुर से बरामद हुए हैं।
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दो अन्य शव देहरादून की सौंग नदी में बहकर रायपुर क्षेत्र में पाए गए।
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एक शव हरबर्टपुर में आसन नदी से मिला है।
इन सभी शवों की पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है और स्थानीय प्रशासन द्वारा अभी तक इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान, मरम्मत कार्य जारी
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मालदेवता क्षेत्र में बही सड़कों की मरम्मत बुधवार को शुरू हो गई है।
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हेलिकॉप्टर से राशन वितरण भी शुरू किया गया है।
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नंदा की चौकी के पास ढहे पुल के हिस्से की मरम्मत का काम शुरू हुआ।
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लोनिवि ने नदी की धारा रोकने के लिए पत्थरों से अस्थायी दीवार बनाई है ताकि मरम्मत तेज हो सके।
मसूरी मार्ग बंद, यातायात प्रभावित
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देहरादून से मसूरी को जोड़ने वाले दोनों मुख्य मार्ग अभी भी दूसरे दिन भी बंद हैं।
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इससे शिमला बाईपास रोड पर भारी यातायात दबाव रहा और कुछ स्थानों पर जाम की स्थिति बनी।
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पुलिस द्वारा एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर सूचना प्रसारित की गई थी ताकि लोग वैकल्पिक मार्ग चुन सकें।
सरकारी बयान और स्थिति का मूल्यांकन
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने अब तक 16 मौतों और 17 लोगों के लापता होने की आधिकारिक जानकारी दी है। लेकिन स्थानीय स्तर पर मिले नए शवों को मिलाकर असली आंकड़ा कहीं अधिक गंभीर प्रतीत हो रहा है।
स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियां राहत कार्यों में लगातार जुटी हैं, लेकिन मूसलधार बारिश और दुर्गम इलाकों के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन्स में भारी चुनौतियां आ रही हैं।