देहरादून-चमोली आपदा: 23 की मौत, 17 लापता, सड़कों-पुलों को भारी नुकसान | राहत कार्य जारी
देहरादून
उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने प्रदेश के कई जिलों को झकझोर कर रख दिया है। देहरादून घाटी में आई आपदा में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 17 से अधिक लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। बुधवार को तेज़ हुए राहत व बचाव कार्यों के दौरान छह और शव बरामद किए गए — चार देहरादून से और दो सहारनपुर के मिर्जापुर क्षेत्र में यमुना नदी से।
राज्य सरकार और प्रशासन ने आपातकालीन मोड में मोर्चा संभाल लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से हालात की समीक्षा की और अधिकारियों को तेज़, समन्वित और संवेदनशील राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
आपदा की भयावह तस्वीरें: बहती नदियां, टूटी सड़कें, तबाह गांव
देहरादून की प्रमुख नदियाँ — बांदल, सौंग, तमसा (टोंस) और आसन — सोमवार की रात हुई भीषण बारिश के बाद उफान पर थीं। टोंस नदी में ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत 15 मजदूर बह गए थे। इनमें से आठ के शव बरामद, दो को बचाया गया जबकि पाँच अभी भी लापता हैं।
सहस्रधारा के मजाड़ा गांव में मलबे में दबे शवों की खोज के लिए डॉग स्क्वॉड की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आशंका है कि वहां अभी भी तीन से चार लोग फंसे हो सकते हैं। उप जिलाधिकारी हरिगिरी की निगरानी में यह कार्य जारी है।
168 प्रभावित लोग होटलों में शिफ्ट, खतरे से निकाले गए 70+ ग्रामीण
प्रशासन ने आपदा प्रभावित मजाडा, कार्लीगाड और सेरा गांवों से 168 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
-
हिल व्यू होटल, ईरा रिजॉर्ट और हिमालयन व्यू होटल को आपदा राहत केंद्रों में बदला गया है।
-
इन होटलों में भोजन, राशन, साफ-सफाई और मेडिकल सुविधा सुनिश्चित की गई है।
-
प्रभावित लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए नोडल अधिकारी और 10 कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
सड़कों और पुलों को गहरे जख्म, नुकसान 42.62 करोड़ तक पहुंचा
आपदा ने जिले की सड़क और पुलों की संरचना को गंभीर नुकसान पहुंचाया है:
-
8 पुल क्षतिग्रस्त, जिनमें नंदा की चौकी पुल सबसे अधिक प्रभावित है।
-
लोक निर्माण विभाग (PWD) के अनुसार इस पुल को ठीक करने में चार से छह महीने का समय लग सकता है।
-
तब तक 50-60 मीटर ऊपर वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही सुनिश्चित की जाएगी।
-
सड़कों को अब तक 42.62 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
PWD और NH विभाग ने क्षतिग्रस्त मार्गों के लिए अस्थायी डायवर्जन प्लान बनाना शुरू कर दिया है। प्रमुख अभियंता राजेश कुमार शर्मा और अधीक्षण अभियंता ओमपाल सिंह ने सभी प्रभावित मार्गों का निरीक्षण कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
2.35 लाख लोग पेयजल संकट से प्रभावित, आपूर्ति बहाल करने का कार्य जारी
16 सितंबर की आपदा के कारण बीजापुर, बांदल, केसरवाला, पुरकुल जैसे मुख्य जल स्रोतों की पाइपलाइनों को भारी नुकसान पहुंचा है।
-
इससे करीब 2.35 लाख लोगों की जलापूर्ति प्रभावित हुई।
-
सचिव पेयजल शैलेश बगौली ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर 19 सितंबर तक पूर्ण आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं।
-
18001804100 और 1916 हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
चमोली में बादल फटा, भारी तबाही की सूचना
देहरादून के बाद चमोली जिले में बुधवार सुबह बादल फटने की घटना सामने आई। यहां भी घरों, सड़कों और खेतों को भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री धामी ने आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ आपात बैठक कर हालात की समीक्षा की और मौके पर NDRF/SDRF की टीमें भेजने के निर्देश दिए।
मसूरी-देहरादून मार्ग आंशिक रूप से खुला, बाकी मार्ग अब भी बंद
-
शिव मंदिर के पास बैली ब्रिज बनने के बाद मसूरी-देहरादून मार्ग बुधवार रात छोटे वाहनों के लिए खुला।
-
कई स्थानों पर सड़कें मिट्टी, बोल्डर और पेड़ों से अवरुद्ध हैं।
-
गलोगी से शिव मंदिर तक सड़क कई स्थानों पर टूटी हुई है।
-
नंदा की चौकी, मालदेवता मार्ग, और सहस्रधारा-चामासारी मार्ग अभी भी बंद हैं।
बड़ी पोकलेन मशीनें मौके पर भेजी गई हैं और तीन दिनों के भीतर अस्थायी मार्ग बहाल करने की उम्मीद जताई जा रही है।
आपदा के महत्वपूर्ण आंकड़े (अब तक)
| श्रेणी | संख्या |
|---|---|
| कुल मृतक | 23 |
| लापता | 17+ |
| बचाए गए लोग | 168 |
| क्षतिग्रस्त पुल | 8 |
| सड़क नुकसान | ₹42.62 करोड़ |
| जल संकट से प्रभावित आबादी | 2.35 लाख |
| वैकल्पिक आश्रय स्थल | 5 होटल |
| रेस्क्यू ऑपरेशन में सक्रिय टीमें | SDRF, PWD, जिला प्रशासन |