देहरादून: स्मार्ट मीटर लगाने में देरी से उपभोक्ताओं को परेशानी, सामाजिक कार्यकर्ता ने ऊर्जा निगम को भेजा पत्र

देहरादून। उत्तराखंड में नए बिजली कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर मिलने में 10 से 15 दिन तक की देरी भी हो रही है, जबकि नियमानुसार 3 दिन के भीतर मीटर लगाया जाना जरूरी है। इस लापरवाही को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता गीता बिष्ट ने ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग भी की है।

स्मार्ट मीटर व्यवस्था लागू, पर कंपनी समय पर नहीं दे रही मीटर

उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने 1 जून 2025 से नए कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाने की अनिवार्य व्यवस्था भी लागू की थी। निदेशक (परिचालन) मदन राम आर्य के आदेश पर गढ़वाल मंडल के मुख्य अभियंता ने सभी उपखंड अधिकारियों को यह निर्देश दिए थे। लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति यह है कि कंपनी मीटरों की आपूर्ति समय पर ही नहीं कर रही, जिससे उपभोक्ताओं को लंबे समय तक बिजली कनेक्शन के लिए इंतजार भी करना पड़ रहा है।

शहरी क्षेत्रों में 3 दिन में कनेक्शन देने का नियम, फिर भी हो रही देरी

गीता बिष्ट ने अपने पत्र में बताया कि विद्युत नियामक आयोग के नियमों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में 3 दिन के भीतर नया कनेक्शन देना अनिवार्य है। लेकिन स्मार्ट मीटर की अनुपलब्धता के कारण यह नियम भी ताक पर रखा जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया है कि जब तक सभी उपखंडों में पर्याप्त स्टाफ व संसाधन उपलब्ध नहीं हो जाते, तब तक पुराने मीटर लगाने की व्यवस्था जारी ही रखी जाए।

सीलिंग प्रक्रिया में भी अनियमितता के आरोप

शिकायत में यह भी कहा गया है कि मीटर की सीलिंग पर संबंधित अवर अभियंता के हस्ताक्षर न होकर कंपनी प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर ही किए जा रहे हैं, जो नियमों के विरुद्ध है। यदि भविष्य में उपभोक्ता किसी विवाद को लेकर न्यायालय में जाते हैं, तो ऊर्जा निगम को कानूनी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

प्रबंध निदेशक से की तत्काल कार्रवाई की मांग

गीता बिष्ट ने ऊर्जा निगम से अपील की है कि उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता भी लाई जाए और देरी को तत्काल रोका जाए। साथ ही सीलिंग प्रक्रिया को नियमों के अनुरूप दुरुस्त भी किया जाए, ताकि निगम को भविष्य में किसी आर्थिक या कानूनी नुकसान का सामना भी न करना पड़े।