ग्रामीण क्षेत्रों को विकास प्राधिकरण में शामिल करने के विरोध में उबाल — बैलपड़ाव के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन, बोले- “यह फैसला जनविरोधी”
भाकियू ने दी चेतावनी — फैसला वापस न हुआ तो होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन
रामनगर। उत्तराखंड सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को विकास प्राधिकरण (Development Authority) के दायरे में लाने के निर्णय के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध भी तेज़ हो गया है। इसी क्रम में शुक्रवार को बैलपड़ाव क्षेत्र के ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी कालाढूंगी के माध्यम से सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें इस फैसले को जनविरोधी व ग्रामीणों के लिए परेशानी भरा बताया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि अब मकान या भवन निर्माण जैसे बुनियादी कार्यों के लिए विकास प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य भी कर दिया गया है, जिससे न केवल समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि आर्थिक बोझ बढ़ गया है। उनका कहना है कि गांवों की परिस्थितियाँ शहरों से बिल्कुल अलग हैं, ऐसे में ग्रामीण इलाकों में शहरी नियम लागू करना अनुचित कदम भी है।
“शहरी नियम गांवों पर थोपे जा रहे हैं” — भाकियू जिलाध्यक्ष
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जिलाध्यक्ष भगवान सिंह रौतेला ने कहा कि सरकार का यह निर्णय पूरी तरह अनुचित व किसानों के हितों के खिलाफ है।
“गांवों में भवन निर्माण व भूमि उपयोग को लेकर विकास प्राधिकरण की अनुमति लेना ग्रामीणों के लिए नई मुसीबत भी बन गया है। यदि सरकार ने जल्द यह फैसला वापस नहीं लिया तो भाकियू प्रदेशव्यापी आंदोलन भी शुरू करेगी,” — भगवान सिंह रौतेला।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अब प्राधिकरण की जटिल प्रक्रियाओं में उलझकर समय व धन दोनों गंवा रहे हैं। गांवों की भौगोलिक स्थिति व जीवनशैली को देखते हुए यह नियम न तो व्यावहारिक है, न ही जनहित में।
“सरकार ने नहीं सुनी तो सड़कों पर उतरेंगे ग्रामीण”
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ग्रामीण क्षेत्रों को विकास प्राधिकरण के दायरे से हटाकर पूर्ववत स्थिति में नहीं लाया, तो वे धरना-प्रदर्शन व उग्र आंदोलन करने को बाध्य भी होंगे। उनका कहना है कि यह आंदोलन अभी सिर्फ शुरुआत है और मांगें न माने जाने पर यह राज्यव्यापी विरोध का रूप भी ले लेगा।
प्रशासन ने ज्ञापन शासन को भेजा
मामले में उपजिलाधिकारी विपिन पंत ने बताया कि ग्रामीणों का ज्ञापन प्राप्त भी कर लिया गया है।
“ग्रामीणों की मांगों को शासन तक भेजा जाएगा ताकि समस्या का समाधान निकाला जा सके,” — उपजिलाधिकारी विपिन पंत।