हाईकोर्ट से हयात सिंह परिहार को बड़ी राहत — फिलहाल बने रहेंगे बागेश्वर नगर पालिका के प्रभारी ईओ
15 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई | कोर्ट ने रामनगर गोमांस विवाद में पुलिस की भूमिका पर भी उठाए सवाल
नैनीताल। बागेश्वर नगर पालिका परिषद में ईओ (Executive Officer) पद को लेकर चल रहे विवाद में हाईकोर्ट ने हयात सिंह परिहार को राहत भी दी है। अदालत ने नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा प्रधान सहायक विजय सिंह कनवासी को प्रभारी ईओ बनाए जाने के आदेश पर अस्थायी रोक लगाते हुए 4 सप्ताह में शासन से जवाब दाखिल करने को कहा है। इस आदेश के बाद फिलहाल हयात सिंह परिहार ही नगर पालिका बागेश्वर के प्रभारी ईओ के रूप में कार्यरत भी रहेंगे।
हाईकोर्ट ने दी राहत, यथास्थिति बनी रहेगी
दरअसल, बागेश्वर निवासी हयात सिंह परिहार ने नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा प्रधान सहायक विजय सिंह कनवासी को ईओ बनाए जाने के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी थी। याचिका में कहा गया कि 17 सितंबर 2025 को शासन ने उन्हें प्रभारी ईओ नियुक्त किया था और 18 सितंबर को उन्होंने कार्यभार संभाल लिया था।
इसके बावजूद 9 अक्टूबर को नगर पालिका अध्यक्ष ने नए प्रभारी ईओ की नियुक्ति कर उन्हें हल्द्वानी स्थानांतरित कर दिया, जिस पर हाईकोर्ट ने पहले ही रोक भी लगा दी थी। बाद में शासन ने भी परिहार का स्थानांतरण निरस्त भी कर दिया।
इसके बावजूद नगर पालिका ने 17 अक्टूबर को बैठक बुलाकर विजय सिंह कनवासी को वरिष्ठता के आधार पर प्रभारी ईओ नियुक्त कर दिया, जिसे परिहार ने फिर से अदालत में चुनौती भी दी। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इस नियुक्ति पर रोक लगाते हुए कहा कि जब तक नियमित ईओ की नियुक्ति नहीं होती, तब तक हयात सिंह परिहार ही पद पर भी बने रहेंगे।
अगली सुनवाई 15 दिसंबर 2025 को निर्धारित भी की गई है।
रामनगर गोमांस विवाद पर हाईकोर्ट सख्त, पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
शुक्रवार को नैनीताल हाईकोर्ट में रामनगर व बैलपड़ाव में हुए कथित गोमांस विवाद से जुड़े मामले पर भी सुनवाई हुई। अदालत ने मामले के वीडियो देखने के बाद पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए व कहा कि
“मामला वैचारिक कम, व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित लगता है।”
कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वे यह जांचें कि इस घटना के पीछे किसके व्यावसायिक हित जुड़े थे। साथ ही बैलपड़ाव इंचार्ज व कालाढूंगी एसओ की भूमिका की भी जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
अदालत ने यह भी कहा कि यदि वैध मीट ट्रांसपोर्टर पुलिस को 24 से 48 घंटे पहले सूचना भी दें, तो पुलिस चालक व क्लीनर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब वीडियो में आरोपियों के चेहरे साफ दिख रहे हैं, तो अब तक आखिर गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई।
पुलिस की ओर से अदालत को आश्वासन दिया गया कि शेष अभियुक्तों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने उस मुखबिर की पहचान करने को कहा जिसने भीड़ को गलत सूचना देकर उकसाया भी था।
कनाडा निवासी आरोपी को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत
इसी दिन हाईकोर्ट ने कनाडा निवासी पौड़ी गढ़वाल के व्यक्ति को अग्रिम जमानत प्रदान की, जिस पर अपनी 5 वर्षीय भांजी से छेड़छाड़ के आरोप भी हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ए.एस. रावत ने दलील दी कि व्यक्ति कनाडा में स्थायी रूप से निवास कर रहा है और भारत आकर जांच में सहयोग करने को भी तैयार है। अदालत ने इस बयान को रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए कहा कि पुलिस आरोपी के साथ सहयोगात्मक रुख रखे और कोई जबरन कार्रवाई भी न करे।