26 किलोमीटर एलिवेटेड रोड के लिए मलिन बस्तियों पर गिरी गाज, आज से मकानों पर लगेगा लाल निशान

एलिवेटेड रोड निर्माण को लेकर शहर में तोड़फोड़ की तैयारी

शहर में प्रस्तावित 26 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड के निर्माण के लिए अब मलिन बस्तियों में बसे कई परिवारों के मकानों पर बुलडोजर चलने की तैयारी भी शुरू हो गई है। इसके तहत आज मंगलवार से मकानों पर लाल निशान लगाने का कार्य भी शुरू किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि भवन भूमि अधिग्रहण के दायरे में हैं।

लाल निशान का मकसद मकान मालिकों को यह सूचित करना है कि उनके घरों की जमीन पर सरकारी अधिग्रहण प्रस्तावित भी है और वे मुआवजा या पुनर्वास के लिए अपनी बात को रख सकते हैं। चिह्नित भवनों की आगे स्क्रूटनी होगी, जिसके बाद तोड़फोड़ व भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।

यह एलिवेटेड रोड रिस्पना व बिंदाल नदियों के किनारे से होकर गुजरेगा। परियोजना की जद में आने वाले मकानों को पूरी तरह ही तोड़ा जाएगा व जमीन को अधिग्रहित किया जाएगा।

प्रशासन की ओर से सामाजिक समाघात सर्वे भी कराया जा रहा है ताकि स्थानीय लोगों की राय भी जानी जा सके। मकान मालिकों के पास भूमि के बदले भूमि या मुआवजे का विकल्प भी मौजूद है, और उनकी पसंद के आधार पर शासन पुनर्वास नीति को तैयार करेगा।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि, “हम सामाजिक समाघात प्रक्रिया को प्राथमिकता दे रहे हैं। मकानों का चिह्नीकरण किया जा चुका है। अब सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही तय किया जाएगा कि स्थानीय लोग पुनर्वास चाहते हैं या मुआवजा। निर्णय उन्हीं की इच्छा के अनुसार ही लिया जाएगा।”