पंतनगर : जीबी पंत विवि स्थित विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के रसायन विज्ञान के प्राध्यापक ने एपाॅक्सी से तैयार नैनो कंपोजिट बनाया , पॉलीमर नैनो कंपोजिट का उपयोग रक्षा और बायोमेडिकल क्षेत्र में काफी उपयोगी साबित होगा

पंतनगर। जीबी पंत विवि स्थित विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के रसायन विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. एमजीएच जैदी ने एपॉक्सी (चिपकने वाला पॉलीमर बनाने का पदार्थ) से पॉलीमर नैनो कंपोजिट को बनाया है। उन्होंने इसका पेटेंट भी अब हासिल कर लिया है। डॉ. जैदी का दावा है कि इसका उपयोग उच्च ताप प्रतिरोधक यंत्रों, डेंटल फिलिंग व मानवीय कृत्रिम अंगों के निर्माण में भी किया जा सकता है। पॉलीमर नैनो कंपोजिट का उपयोग रक्षा व बायोमेडिकल क्षेत्र में काफी उपयोगी भी साबित होगा।

एपॉक्सी रेजिन को बनाया घुलनशील

डीआरडीओ हेल्मेट, ऑटोमोबाइल के पार्ट्स, टैंक, आर्मर व वेपन आदि बनाने में एपॉक्सी रेजिन का बहुतायत में भी प्रयोग करता है। एपॉक्सी बहुत ही हार्ड पदार्थ होता है लेकिन इसमें किसी अन्य पदार्थ को मिलाया नहीं जा सकता है व यह नमी के संपर्क में आकर जैव विघटित होने में लगता है। डीआरडीओ से वित्त पोषित एक परियोजना के तहत डॉ. जैदी ने इस समस्या को सुपर क्रिटिकल से दूर किया व बहुत सारे पदार्थों को एपॉक्सी में घुलनशील भी बना दिया।

 

एपॉक्सी से अतिक्रांतिक तरल विलायकों की मौजूदगी में पॉलीमर नैनो कंपोजिट का निर्माण भी किया गया है। इसका कई क्षेत्रों में प्रयोग क्रांतिकारी कदम भी होगा। इस क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्योगों के लिए यह तकनीक विवि हस्तांतरित करने के लिए भी तैयार है। – डॉ. एमजीएच जैदी, प्राध्यापक रसायन विज्ञान।