चारधाम यात्रा में भीड़ प्रबंधन व ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए सरकार अब यात्रा मार्गों की धारण क्षमता का आकलन करेगी, सीएम धामी ने समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए
चारधाम यात्रा में भीड़ प्रबंधन व ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार अब यात्रा मार्गों की धारण क्षमता का भी आकलन करेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते सोमवार को समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए है।
कहा, जिन धार्मिक व पर्यटन स्थलों में भीड़ बढ़ रही है, वहां पर ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए शटल सेवा भी शुरू की जाए। 15 जून को कैंची धाम स्थापना दिवस पर बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ भी जुटेगी। नैनीताल जिले में आने वाले यात्रियों की बहुत बड़ी संख्या कैंची धाम का रुख भी कर रही है, इसलिए भवाली से कैंचीधाम के लिए शटल बस सेवा भी शुरू की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण से अगले 2 वर्ष में कर्णप्रयाग यात्रियों के पहुंचने का एक बड़ा हब भी बनने जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को कर्णप्रयाग में अभी से अवस्थापना सुविधाएं तैयार करने के निर्देश भी दिए। कहा, कर्णप्रयाग से शटल सेवा पर विचार भी किया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सुझाव दिया कि चारोंधाम की धारण क्षमता संग यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले प्रमुख नगरों और शहरों की धारण क्षमता का भी आकलन कर लिया जाए।
कहा, इससे यात्रा मार्गों पर यातायात की समस्या पर काबू पाने मदद भी मिल सकती है। सीएम ने इस पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम और शैलेश बगोली समेत कई अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
चारधाम यात्रा को सुगम व बेहतर बनाने के लिए यात्रा समाधान पोर्टल व मोबाइल एप्लीकेशन का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। इस पोर्टल व मोबाइल एप्लीकेशन का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को सभी सुविधाएं एक ही प्लेटफार्म पर भी देना है। इनके माध्यम से चारोंधामों के निकटवर्ती पुलिस स्टेशन, हॉस्पिटल, पार्किंग व अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। इससे यात्रा से जुड़े सभी पक्षकार बीकेटीसी, मंदिर प्रशासन, होटल, टूर ऑपरेटर्स और ट्रांसपोर्टर आपस में जुड़ सकेंगे। इनकी एक समान मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी बनेगी। मुख्यमंत्री ने आईटीडीए व पर्यटन विभाग को निर्देश दिए कि इस मोबाइल एप्लीकेशन को और बेहतर बनाने के लिए कार्य भी किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा, चारोंधामों के लिए 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद ही रहेंगे। यात्रा के अनुरूप ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करने पर विचार भी होगा। इसके लिए उन्होंने सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे व गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय को जिम्मेदारी भी दी। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रूट डाइवर्ट प्लान पर भी काम करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, यात्रा में हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। यात्रा मार्ग के अन्य स्थलों पर भी श्रद्धालुओं व वाहनों की धारण क्षमता का आकलन भी जरूरी है। चारधाम यात्रा मार्गों व राज्य के तीर्थाटन और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों पर पार्किंग व मूलभूत जरूरतों से संबंधित प्रस्ताव बनाकर आवास विभाग को भी भेजे जाएं। चारधाम यात्रा के चरम सीमा वाली अवधि में हर वर्ष के लिए विशेष प्लान बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को गढ़वाल व कुमाऊं की कनेक्टिविटी को और मजबूत करने के निर्देश भी दिए। कहा, पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से दोनों मंडलों को जोड़ने के लिए रानीखेत व चौखुटिया क्षेत्र में होम स्टे और अन्य सुविधाओं का विस्तार1 भी किया जाए। कैंची धाम व पूर्णागिरी में भी श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से ही बढ़ रही हैं। कैंची धाम में मूलभूत सुविधाओं के साथ पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था भी की जाए। बाईपास का निर्माण भी हो। पूर्णागिरी में श्रद्धालुओं की सुविधा को व्यवस्थाओं को बेहतर भी बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।