कुमाऊं के अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी, 6 जिलों में अस्पताल ही खाली; चिकित्सकों की तैनाती न होने से मरीज भटकने के लिए मजबूर

कुमाऊं के अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी भी हो गई है। मंडल के 6 जिलों में अस्पताल ही खाली हैं और चिकित्सकों की तैनाती न होने से मरीज भी भटकने के लिए मजबूर हैं। कुमाऊं भर में 2 महीने पूर्व 750 डॉक्टर बांड खत्म होने से सेवा से बाहर हुए व किसी तरह सिर्फ 150 की ही तैनाती विभाग भी कर सका है। मांग के सापेक्ष चिकित्सकों की तैनाती न होने से जिलों का स्वास्थ्य महकमा भी लाचार है तो मरीज भी बेबस हैं।

 

दरअसल कुमाऊं के पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल व यूएस नगर के अस्पतालों में स्थायी चिकित्सकों की तैनाती न होने से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराने के लिए 700 से अधिक चिकित्सकों की बांड पर तैनाती भी की गई थी। बीते मार्च महीने में बांड खत्म होने से ये चिकित्सक सेवा से बाहर ही हो गए। इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते नए चिकित्सकों की तैनाती ही नहीं हो सकी व कुमाऊं के 6 जिलों के अस्पताल ही खाली हो गए।

 

किसी तरह निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद चिकित्सकों की तैनाती का रास्ता साफ हुआ तो अब सिर्फ कुछ डॉक्टर तैनात कर औपचारिकता भी निभा दी गई है। इन जिलों में सिर्फ 150 चिकित्सकों की ही तैनाती हुई है जो नाकाफी भी है। ऐसे में मरीजों को अन्य अस्पतालों की दौड़ लगाने की समस्या से छुटकारा भी नहीं मिल पा रहा है।

 

पहले से ही कुमाऊं के अस्पताल चिकित्सकों की कमी से जूझ ही रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत दूरस्थ अस्पतालों में ही है। किसी तरह कुछ चिकित्सकों की तैनाती तो हुई है, लेकिन संबंधित चिकित्सक मनमाफिक यानी जिला या विकासखंड मुख्यालय के नजदीकी अस्पतालों में ही तैनाती के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अपने चहेते डॉक्टर को उसके मनमुताबिक अस्पताल में तैनाती के लिए नेता जी फोन घनघना भी रहे हैं। ऐसे में दूरस्थ अस्पतालों को चिकित्सक मिलने की राह भी अब आसान नजर नहीं आ रही।

 

पहले ही कुमाऊं के अस्पताल चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में चिकित्सकों की चारधाम में ड्यूटी लगने से दिक्कत भी बढ़ गई है। कुमाऊं के 6 जिलों से करीब 120 चिकित्सक चारधाम यात्रा ड्यूटी में भी हैं, इससे अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी चरमराने लगी हैं।

 

जिलों से मांग के सापेक्ष चिकित्सकों की तैनाती भी हो रही है। सीएमओ स्तर से चिकित्सकों की मांग भी की गई थी। चिकित्सकों की तैनाती की प्रक्रिया भी गतिमान है। – विनीता साह, निदेशक, स्वास्थ्य विभाग, नैनीताल।