अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित ने अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोटद्वार से केस को सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत में ट्रांसफर किए जाने के लिए अदालत में स्वयं अपना पक्ष रखा।

अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोटद्वार से केस को सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत में ट्रांसफर किए जाने के लिए अदालत में स्वयं अपना पक्ष भी रखा। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। फैसला सुनाने के लिए अदालत ने 1 मार्च की तिथि नियत की है।

 

बीते सोमवार को मामले की अदालत में सुनाई हुई, जिसमें केस ट्रांसफर प्रार्थना पत्र अपना पक्ष रखने के लिए पुलकित आर्य जिला कारागार चमोली से पौड़ी में पहुंचा। जहां सुनाई के दौरान पुलकित आर्य ने कहा कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोटद्वार में मुझे निष्पक्ष न्याय मिलने की भी उम्मीद नहीं है।

 

बीते 20 अप्रैल 2022 को अदालत में खुशराज द्वारा स्वयं को अभिनव कश्यप का भाई बताते हुए गवाही भी दी, जबकि वास्तव में पुलिस ने एक महिला को पुरुष के वेश में खुशराज बता असली पहचान छुपा कर गवाही कराई गई थी। इस दौरान अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता को बोलने तक का मौका भी नहीं दिया गया था। आर्य ने अंकिता के पिता पर न्यायालय परिसर में गवाही के लिए आते-जाते समय अभद्र टिप्पणी किए जाने का आरोप भी लगाया।

 

पुलकित ने कहा कि अदालत में धारा-302 से संबंधित कई मुकदमे भी लंबित हैं, लेकिन हमारे केस में जल्द तारीख भी लगा दी जा रही है। अदालत में आर्य ने पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में जानलेवा हमला किए जाने, रिजॉर्ट तोड़े जाने, मुकदमे से अधिवक्ता हटाए जाने और फैक्ट्री में आग लगाए जाने की बात भी कही। मृतका का कमरा तोड़कर साक्ष्यों को नष्ट भी करने का काम किया गया, लेकिन कानूनी दृष्टि से शासन-प्रशासन की इस कार्रवाई में किसी को आरोपी ही नहीं बनाया गया। यह मेरे खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई भी है।

 

अभियोजन पक्ष से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार भट्ट ने बताया कि प्रार्थना पत्र में दिए गए केस ट्रांसफर के तथ्य ही आधारहीन हैं। अभियोजन पक्ष द्वारा पहले केस ट्रांसफर के लिए दायर की गई याचिका को अदालत भी खारिज कर चुकी है। सत्र न्यायाधीश पौड़ी अजय चौधरी की अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए सुनवाई की तारीख 1 मार्च नियत की है।