
उत्तराखंड: सुप्रीम कोर्ट से राहत, एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में मिलेगा मौका
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) करने वाले उत्तराखंड के हजारों अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, राज्य सरकार उनके लिए सहायक अध्यापक प्राथमिक भर्ती सेवा नियमावली में संशोधन भी करेगी और उन्हें शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
उत्तराखंड में ऐसे करीब 37 हजार अभ्यर्थी हैं। 2020-21 में शिक्षा विभाग ने 2 हजार से अधिक पदों के लिए शिक्षक भर्ती के आवेदन मांगे थे। इनमें एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी भी शामिल थे, जो मानते हैं कि उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है। प्रदेश सरकार ने भी उनके प्रमाणपत्र को मान्यता दी थी, और 15 जनवरी 2021 को शासन ने इन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश भी जारी किया था। हालांकि, इसके बाद 10 फरवरी 2021 को शासन ने यह आदेश वापस लेते हुए कहा कि एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल ही नहीं किया जाएगा।
इस निर्णय के खिलाफ, एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी हाईकोर्ट भी गए थे। हाईकोर्ट ने शासन के 10 फरवरी के आदेश को रद्द भी कर दिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, जहां 10 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें भर्ती के लिए पात्र भी माना।
इसके बाद, कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उन्हें उत्तराखंड में चल रही 2906 पदों की भर्ती में शामिल भी किया जाए। शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट में बताया कि भर्ती का 80 प्रतिशत हिस्सा भी पूरा हो चुका है, और यदि इन अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल किया जाता है, तो भर्ती प्रक्रिया को रद्द करके नए सिरे से भर्ती करनी होगी।
हालांकि, एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों ने मामला सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित भी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च 2025 को यह फैसला सुनाया कि चयनित पदों पर शिक्षक भर्ती को रद्द भी नहीं किया जाएगा, लेकिन शेष पदों पर एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल भी किया जाएगा।