उत्तराखंड: बिजली बिलों में फंसा यूपीसीएल का 20% राजस्व, आयोग ने एक महीने में मांगा एक्शन प्लान

 

देहरादून – उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा बकाया बिजली बिलों में फंसा हुआ है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए यूपीसीएल से एक महीने के भीतर ठोस कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा है।

वर्ष 2024-25 के लिए यूपीसीएल की समग्र राजस्व आवश्यकता (ARR) 10,690.03 करोड़ रुपये आंकी गई थी। लेकिन वर्तमान में कंपनी की बकाया राशि 2,157.62 करोड़ रुपये तक भी पहुंच गई है, जो कि कुल ARR का 20.18% हिस्सा बनती है। आयोग का कहना है कि लगातार बढ़ते बकायों से बिजली निगम की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल असर भी पड़ रहा है।

बकाया बढ़ने का सिलसिला पिछले 5 वर्षों से जारी है। वर्ष 2021 में यूपीसीएल के 2,73,076 उपभोक्ताओं पर कुल 1,643.87 करोड़ रुपये बकाया थे। यह आंकड़ा 2022 में 3,01,960 उपभोक्ताओं पर 1,886.90 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जबकि 2023 में 3,11,369 उपभोक्ताओं पर 1,878.64 करोड़ रुपये बकाया रहा। दिसंबर 2024 तक यह बकाया बढ़कर 3,66,951 उपभोक्ताओं पर 2,157.62 करोड़ रुपये हो गया।

नियामक आयोग ने साफ किया है कि राजस्व वसूली में सुधार के लिए यूपीसीएल को ठोस रणनीति बनानी होगी। यदि समयबद्ध कार्रवाई नहीं हुई तो उपभोक्ता सेवाओं और ऊर्जा आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है।