दूनघाटी और मसूरी में मूसलाधार बारिश का कहर, बाढ़, जलभराव और भूस्खलन से व्यापक नुकसान

बीते तीन दिनों से रोज रात में हो रही मूसलाधार बारिश दूनघाटी, मसूरी और बांदलघाटी के लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। बीते गुरूवार शाम को हुई मूसलाधार बारिश से शहर के लोगों में मुसीबतों की बाढ़ आ गई।

बिंदाल नदी उफान पर आने से बस्ती में कई घरों में पानी घुस गया। साथ ही क्लेमेंटटाउन झील में भी बाढ़ आ गई। यहां चोपड़ा हाउस में मां और बेटे फंस गए, जिन्हें पुलिस ने बचाया। मौके पर देर रात एसडीआरएफ तैनात कर दी गई। साथ ही एयरफोर्स के सुरक्षा अधिकारियों ने भी स्थिति संभालने में पुलिस और एसडीआरएफ की मदद की।

 

बरसाती नालों के उफान पर आने से गुरुद्वार कॉलोनी, मंदिर कॉलोनी, सरस्वती विहा, नीलकंठ विहार, गोकुलधाम में लोगों के घरों में पानी घुस गया। उधर घंटाघर से लेकर दर्शनलाल चौक, तहसील चौक, द्रोण चौक, प्रिंस चौक की तरफ सड़क पर जलभराव हुआ। इसके अलावा हरिद्वार बाइपास रोड पर रिस्पना नदी के पुल के पास सड़क में भारी जलभराव से वाहन चालकों को दिक्कत हुई।

रायपुर ब्लाक के मालदेवता, सेरकी, सिरलवालगढ गांव में अतिवृष्टि से काफी नुकसान हुआ है। भूस्खलन व पानी के तेज बहाव के इन इलाकों में सहमे कई परिवार अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। यह जानकारी मिलते ही बृहस्पतिवार सुबह डीएम सोनिका प्रशासनिक टीम के साथ मौके पर पहुंचीं व नुकसान का जायजा लिया। डीएम ने ग्रामीण से उनका हाल जाना।

मालदेवता में अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर जिलाधिकारी सेरकी गांव पंहुचीं। यहां उन्होंने अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया। गांव के उपरी छोर पर से वर्षा के पानी से हुए नुकसान का निरीक्षण कर सेरकी गांव में पहुंचकर घरों में घुसे मलबे को देखा। प्रभावित परिवारों से उनकी समस्याएं जानीं। ग्रामीण महिलाओं ने जिलाधिकारी को वर्षा के दौरान गदेरे से आने वाले पानी की निकासी के ठोस इंतजाम कराने को कहा।

सिंचाई विभाग व अन्य अधिकारियों को डीएम सोनिका ने कहा कि तटीय क्षेत्र से लेकर ऊपरी क्षेत्र तक पानी की निकासी का प्रबंध किया जाए। उन्होंने गदेरे से आए मलबे को युद्धस्तर पर हटाने के निर्देश दिए, ताकि मकानों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो। तहसीलदार को सुरक्षा के मद्देनजर निगरानी के लिए कर्मचारी तैनात करने के निर्देश दिए। सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष कुमार को निर्देशित किया कि प्रभावित क्षेत्र में सभी विभाग अपने-अपने विभागों से संबंधित कार्यों की मॉनिटिरिंग करें।