उत्तराखंड में बिजली बिल बकायेदारों की फेहरिस्त लंबी, 415 करोड़ से ज्यादा की रकम अटकी
देहरादून: उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) के सामने बिजली बिल वसूली को लेकर अब बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। राज्यभर में 1,27,873 उपभोक्ता ऐसे हैं जो करोड़ों रुपये के बकाया बिल छोड़कर ‘गायब’ ही हो गए हैं। इन उपभोक्ताओं पर कुल 415.67 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे यूपीसीएल ने नॉन-बिल्ड (NB) और स्टॉप-बिल्ड (SB) की श्रेणी में भी डाल दिया है।
इन गायब उपभोक्ताओं की तलाश में यूपीसीएल के अधिकारी घर-घर जाकर खोजबीन भी कर रहे हैं, लेकिन कहीं मीटर ही नहीं मिल रहा, तो कहीं घर का मालिक सालों पहले घर बेचकर जा चुका है। अधिकारियों के मुताबिक, बीते वर्षों में बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां भारी भरकम बिल छोड़कर उपभोक्ता लापता ही हो गए।
बिल चुकाए बिना कनेक्शन बंद, नए नाम से नया मीटर!
रिपोर्ट के अनुसार, कुछ मोहल्लों में एक ही नाम पर कई बिजली कनेक्शन पाए गए हैं। माना जा रहा है कि पुराने बिल से बचने के लिए उपभोक्ताओं ने जानबूझकर पुराने मीटर को खराब घोषित करवा दिया और नए नाम से दूसरा कनेक्शन भी ले लिया।
यह भी सामने आया है कि कई कनेक्शन वर्षों से बिना उपयोग के पड़े हैं, फिर भी उनका बकाया लगातार बढ़ता ही गया।
नियामक आयोग ने जताई गंभीर चिंता
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल की इस स्थिति पर गंभीर चिंता भी जताई है। आयोग ने कहा कि बकाया की यह स्थिति न सिर्फ राजस्व को प्रभावित कर रही है, बल्कि बिजली वितरण की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर रही है।
हर साल बदलती रही संख्या, 2025 में सबसे कम
एनबी-एसबी श्रेणी में दर्ज उपभोक्ताओं की संख्या:
- 2019: 1,61,500
- 2020: 1,58,300
- 2021: 1,61,580
- 2022: 1,54,461
- 2023: 1,42,962
- 2024: 1,31,418
- 2025: 1,27,873
हालांकि संख्या में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन 415.67 करोड़ रुपये की बकाया राशि अब भी यूपीसीएल के लिए सिरदर्द ही बनी हुई है।
खंडवार अभियान और तिमाही रिपोर्ट का आदेश
नियामक आयोग ने यूपीसीएल को निर्देश दिए हैं कि हर तिमाही में कम से कम 5 प्रतिशत मामलों का निस्तारण किया जाए। इसके तहत सभी खंडों को अलग-अलग जिम्मेदारी देकर अभियान चलाया जाएगा और तिमाही प्रगति रिपोर्ट आयोग को सौंपी जाएगी।