यमुनोत्री धाम में सूर्य कुंड बना श्रद्धा और स्वास्थ्य का केंद्र, यात्रियों को मिल रहा प्रसाद और आयुर्वेदिक लाभ

उत्तरकाशी। चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए यमुनोत्री धाम न केवल आस्था का केंद्र बना हुआ है, बल्कि यहां के प्राकृतिक गर्म कुंड अब स्वास्थ्य लाभ का भी बड़ा माध्यम भी बनते जा रहे हैं। धाम में पहुंचने वाले यात्री सूर्य कुंड में चावल उबालकर उसे प्रसाद के रूप में साथ ले जा रहे हैं, जबकि गर्म जलकुंडों में स्नान कर थकान व त्वचा रोगों से राहत भी पा रहे हैं।

सूर्य कुंड: जहां श्रद्धा से जुड़ा है प्रसाद का भाव

यमुनोत्री धाम के मुख्य मंदिर के पास स्थित सूर्य कुंड एक प्राकृतिक गर्म जलधारा है, जो सालों से यात्रियों के लिए आस्था व कौतूहल का केंद्र बनी हुई है। यहां श्रद्धालु अपने घर से लाए चावलों को कपड़े में बांधकर गर्म कुंड में डालते हैं, और कुछ ही देर में जब वह पक जाते हैं, तो उसे प्रसाद रूप में अपने साथ ही लेकर जाते हैं। इस परंपरा को लेकर तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि यह देवप्रसाद जीवन की पवित्र स्मृति के रूप में घर में ले जाया जाता है।

गर्म जलकुंडों में स्नान से थकान दूर, स्वास्थ्य लाभ भी

धाम पहुंचने के लिए यात्रियों को लगभग 5 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई भी तय करनी होती है। इस चढ़ाई के बाद जब यात्री गर्म जलकुंडों में स्नान करते हैं, तो उनकी थकान तुरंत ही छूमंतर हो जाती है। इन गर्म कुंडों का पानी सीधे सूर्य कुंड से प्रवाहित भी किया जाता है, और इसका जल प्राकृतिक रूप से गर्म भी होता है। इसके स्वास्थ्य लाभों को भी विशेषज्ञ मान्यता भी देते हैं।

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी

आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीरेंद्र चंद बताते हैं कि सूर्य कुंड के जल में सोडियम की मात्रा पाई जाती है, जो त्वचा से जुड़ी कई बीमारियों को दूर करने में मददगार भी है। उनका कहना है कि

“इस गर्म पानी में स्नान करने से पुराने त्वचा रोगों में भी आराम मिलता है, और यह प्राकृतिक थर्मल थेरेपी के रूप में काम करता है।”

धार्मिक मान्यता: यम यातना से मुक्ति

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य कुंड में स्नान करने व उसका जल ग्रहण करने से यम यातना से मुक्ति मिलती है। स्कंद पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। तीर्थ पुरोहित सुरेश उनियाल बताते हैं कि तप्त जलधारा में स्नान करना पापनाशक व मोक्षदायक माना गया है। यमुनोत्री धाम की यह अनोखी परंपरा, जहां प्राकृतिक ऊर्जा व धार्मिक भावना का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, यात्रियों के लिए आध्यात्मिक ही नहीं, शारीरिक राहत का भी माध्यम बन रही है। सूर्य कुंड और इसके गर्म जलकुंड अब श्रद्धालुओं के लिए एक संपूर्ण तीर्थ अनुभव का हिस्सा भी बन चुके हैं।