“उत्तराखंड में बिना लाइसेंस टैक्सी और बाइक संचालन पर सख्ती: 32 वाहनों को सीज किया गया”

उत्तराखंड में एग्रीगेटर लाइसेंस लिए बगैर ही ओला, उबर, ब्ला-ब्ला और रैपिडो कंपनियों की ओर से टैक्सी, आटो और बाइकों का संचालन करने की शिकायतों पर परिवहन विभाग ने भी अब सख्त रुख अपना लिया है। आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी के निर्देशन पर प्रवर्तन दलों ने विभिन्न क्षेत्रों में चेकिंग अभियान को चलाकर बिना पंजीकरण के संचालित 32 वाहनों को भी सीज किया।

 

इसमें कई दोपहिया वाहन शामिल हैं, जिन्हें रैपिडो कंपनी किराये पर संचालित भी करा रही थी। एआरटीओ प्रवर्तन राजेन्द्र विराटिया की अगुवाई में 5 टीमों ने सहारनपुर मार्ग, प्रेमनगर क्षेत्र, चकराता रोड, हरिद्वार मार्ग और शहर क्षेत्र में सघन चेकिंग अभियान चलाया।

 

इस दौरान पाया कि शहर में बड़े पैमाने पर वाहनों को ओला, उबर, ब्ला-ब्ला और रैपिडो कंपनियों में चलाया जा रहा है। इन वाहनों ने अपना व्यावसायिक पंजीकरण नहीं कराया है। ऐसे 32 वाहनों को भी सीज किया गया। प्रवर्तन दल में एमडी पपनोई, श्वेता रौथाण, अनुराधा पंत और जितेन्द्र बिष्ट शामिल थे।

 

आरटीओ शैलेश तिवारी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति तब तक एग्रीगेटर के रूप में कार्य नहीं कर सकता है, जब तक उसने लाइसेंस ही प्राप्त न किया हो।

 

इन एग्रीगेटर को आरटीओ की ओर से कई बार नोटिस भी जारी किया गया है, लेकिन कंपनियों ने अभी तक लाइसेंस ही नहीं लिया है।

 

आरटीओ ने वाहन चालकों से अपील कर कहा कि नियमानुसार वाहन का व्यावसायिक रूप से पंजीयन करवाकर ही रैपिडो में वाहन संचालित भी करें।

 

प्राइवेट वाहन का इन कंपनियों में संचालन करते पाए जाने पर भारी जुर्माना भी लग सकता है।