एसटीएफ ने नकली दवाइयों के बड़े गिरोह का किया भंडाफोड़, 14 करोड़ का हुआ लेन-देन, दो आरोपी दबोचे

देहरादून। उत्तराखंड में नकली जीवन रक्षक दवाइयों का धंधा करने वाले गिरोह पर STF ने बड़ी कार्रवाई करते हुए। विभिन्न ब्रांडेड दवा कंपनियों की हूबहू नकली पैकेजिंग कर बाजार में दवाइयां बेचने वाले इस नेटवर्क का पर्दाफाश पुलिस के लिए बड़ी चुनौती भी रहा। नकली दवाओं के इस्तेमाल से जहां आम लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा भी पैदा हो रहा था, वहीं सरकार को राजस्व का भारी नुकसान भी झेलना पड़ रहा था।

डीजीपी दीपम सेठ के निर्देश पर एसटीएफ की टीम ने कार्रवाई करते हुए गिरोह की कुंडली भी खंगाली। एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पहले भी इस प्रकरण में 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है, जिनमें कई दवा कंपनियों के मालिक भी शामिल हैं। अब जांच के दौरान एसटीएफ ने प्रदीप कुमार व उनकी पत्नी श्रुति डावर को भी गिरफ्तार किया है।

कैसे चलता था नकली दवा का खेल?

  • प्रदीप कुमार ने 2023 में अपनी पत्नी के नाम से सांई फार्मा नामक फर्जी फर्म भी खोली।
  • नकली रैपर व आउटर बॉक्स देहरादून (सेलाकुई) में तैयार कर राजस्थान के भिवाड़ी भी मंगाए जाते थे।
  • दवाओं की पैकिंग हिमाचल व उत्तराखंड की फैक्ट्रियों से कराई जाती थी।
  • एल्यूमिनियम फॉयल पर ब्रांडेड कंपनियों की प्रिंटिंग कर दवाइयां भी पैक की जाती थीं।
  • नोबल फार्मेसी पंचकुला की एम्बुलेंस के जरिए दवाइयां अलग-अलग राज्यों में सप्लाई भी होती थीं।

अपराध की कहानी

प्रदीप कुमार पहले भी 2021 में कोरोना काल के दौरान नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के मामले में जेल भी जा चुका है। उसकी फर्जी फर्म के बैंक खाते में पिछले 2 वर्ष  में करीब 14 करोड़ रुपये का लेन-देन भी सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि यह नेटवर्क उत्तराखंड समेत 6 राज्यों में नकली दवाइयों की सप्लाई भी करता रहा है।

 गिरफ्तार आरोपी

  1. प्रदीप कुमार पुत्र हंसराज, मूल निवासी पानीपत (हरियाणा), वर्तमान में फ्लैट नं. 102, अपटाउन स्कैला सिटी, जिरकपुर (पंजाब)।
  2. श्रुति डावर पत्नी प्रदीप कुमार, निवासी पानीपत, वर्तमान में फ्लैट नं. 102, अपटाउन स्कैला सिटी, जिरकपुर (पंजाब)।

एसटीएफ का कहना है कि नकली दवाओं के इस नेटवर्क से जुड़े अन्य राज़ व आरोपी जल्द ही सामने आएंगे।