राज्य कर्मचारियों को पदोन्नति में छूट, प्रमोशन की उम्मीदें अब पूरी होंगी

अब उन कर्मचारियों की मुराद पूरी होगी, जो पदोन्नति के लिए जरूरी अहर्ता का 50 प्रतिशत ही पूरा करते हैं और उनके विभाग में उच्च पद खाली है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य कर्मचारियों को उनके पूरे सेवाकाल में एक बार पदोन्नति के मानकों में छूट देने का अहम फैसला भी लिया है।

कई कर्मचारी संगठन, जिनमें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद भी शामिल है, लंबे समय से पदोन्नति में शिथिलीकरण की नियमावली को लागू करने की मांग भी कर रहे थे। सरकार ने पहले इसे लागू किया था, लेकिन इसके लिए एक निश्चित समय सीमा तय की गई थी। अब कर्मचारियों की लगातार मांग के बाद सरकार ने इसे फिर से लागू कर दिया है, और अब इसके लिए कोई समय सीमा भी नहीं होगी।

इस निर्णय से उन कर्मचारियों को बड़ा लाभ होगा, जिनके पद से ऊपर वाला पद लंबे समय से रिक्त ही है और वे उस पद के लिए 50 प्रतिशत अहर्ता पूरी करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी पद पर पदोन्नति के लिए 10 वर्ष की सेवा की आवश्यकता है और वह पद रिक्त है, तो इस स्थिति में नीचे के पद पर कार्यरत कर्मचारी केवल 5 वर्ष की सेवा में ही पदोन्नति के लिए पात्र हो जाएंगे। हालांकि, यह छूट प्रोबेशन अवधि में काम कर रहे कर्मचारियों व अधिकारियों को नहीं मिलेगी।

कर्मचारी संगठनों में खुशी की लहर

पदोन्नति में शिथिलीकरण की मांग पूरी होने पर कर्मचारी संगठनों में खुशी की लहर है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय ने कहा कि इस मुद्दे को उनके अधिवेशन में प्रमुखता से उठाया भी गया था और सरकार से शिथिलीकरण सेवा नियमावली को लागू करने की मांग भी की गई थी। हमें खुशी है कि हमारी यह मांग सरकार ने स्वीकार भी की।