
रुद्रप्रयाग ने विकसित किया वायरलेस सिस्टम, देश का पहला जिला बना अपना नेटवर्क स्थापित करने वाला
रुद्रप्रयाग बना देश का पहला जनपद, विकसित किया अपना वायरलेस सिस्टम
रुद्रप्रयाग: जनपद रुद्रप्रयाग देश का पहला ऐसा जनपद बन गया है, जिसने अपना वायरलेस सिस्टम भी विकसित किया है। इस नए वायरलेस नेटवर्क के जरिए जिले के 250 किमी क्षेत्र को भी जोड़ दिया गया है, जिससे विषम परिस्थितियों में संपर्क साधना और दूरस्थ क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा भी मिल सकेगी।
जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवान के प्रयासों से रुद्रप्रयाग ने अपना इंट्रानेट नेटवर्क स्थापित भी किया है, जिसे ‘डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क’ नाम दिया गया है। यह नेटवर्क जिले के 250 किमी क्षेत्र में हर प्रकार की आपातकालीन जानकारी व सूचनाओं को प्रसारित करने में सक्षम होगा। इसके अलावा, आगामी केदारनाथ यात्रा के दौरान इस नेटवर्क का पूरा लाभ यात्रियों व प्रशासन को भी मिलेगा।
केदारनाथ से सोनप्रयाग और सीतापुर तक नेटवर्क का विस्तार
प्रशासन ने जिला प्लान और खनन न्यास निधि के माध्यम से इस नेटवर्क की स्थापना भी की है। इसके तहत, जिले के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ केदारनाथ, सोनप्रयाग व सीतापुर को भी इस नेटवर्क से जोड़ा गया है। इसके अलावा, केदार घाटी के 10 हेलिपैड भी इस नेटवर्क से ही कनेक्ट किए गए हैं।
इंट्रानेट: एक सॉफ्टवेयर आधारित नेटवर्क
डॉ. सौरभ गहरवान ने बताया कि यह इंट्रानेट एक सॉफ्टवेयर आधारित नेटवर्क है, जिसे सूचना के आदान-प्रदान व नेटवर्क की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है। केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रा व्यवस्थाओं की निगरानी व यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी इस नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही, आपदा स्थलों की निगरानी व संपर्क मार्गों की 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।
आपदा के दौरान भी कार्य करेगा वायरलेस सिस्टम
इस वायरलेस नेटवर्क का विशेष लाभ यह है कि आपदा की स्थिति में भी यह किसी प्रकार की रुकावट के बिना भी काम करता रहेगा। इसके लिए फ्रीक्वेंसी-हॉपिंग स्प्रेड स्पेक्ट्रम का उपयोग किया गया है, जिससे नेटवर्क में कोई बाधा ही उत्पन्न नहीं होगी। इसके माध्यम से 36 दूरस्थ स्कूलों को भी जोड़ा गया है, जिससे ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
हेली कंपनियों को मिलेगा मौसम का पूर्वानुमान
केदारनाथ यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवा को भी इस इंट्रानेट से जोड़ा गया है, ताकि हेली कंपनियों को पहले दिन से ही मौसम की सूचना भी मिलती रहे और वे अपनी सेवाएं सही समय पर प्रदान भी कर सकें।
इस अभिनव कदम से रुद्रप्रयाग ने तकनीकी दृष्टि से नई दिशा भी अपनाई है, जिससे न केवल आपदा प्रबंधन में मदद मिलेगी, बल्कि शिक्षा, प्रशासन व यात्रा व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाएगा।