ऋषिकेश: आईडीपीएल हॉकी ग्राउंड के पास झाड़ियों में मिला नवजात शिशु, एम्स में भर्ती, पुलिस तलाश रही मां और आरोपी

ऋषिकेश: शहर में एक बार फिर मानवता को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। आईडीपीएल हॉकी ग्राउंड के पास झाड़ियों में एक नवजात शिशु लावारिस हालत में भी मिला, जिसे पुलिस ने तत्काल एम्स ऋषिकेश में भर्ती भी कराया। नवजात फिलहाल स्वस्थ है और निक्कू वार्ड में उपचाराधीन भी है। वहीं, पुलिस नवजात को फेंकने वाले व्यक्ति व जन्म देने वाली महिला की तलाश में भी जुट गई है।

मॉर्निंग वॉक के दौरान सुनाई दी रोने की आवाज

गुरुवार सुबह करीब 5:30 बजे एक स्थानीय व्यक्ति मॉर्निंग वॉक पर निकला था और जैसे ही वह हॉकी मैदान के पास पहुंचा, उसे झाड़ियों से बच्चे के रोने की आवाज भी सुनाई दी। पास जाकर देखने पर वहां एक नवजात शिशु झाड़ियों में ही पड़ा मिला।
उस व्यक्ति ने तुरंत चीता पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची व नवजात को उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश में भर्ती भी कराया।

जन्म को सिर्फ 1-2 घंटे ही हुए थे

एम्स के डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि नवजात का जन्म घटना से 1 से 2 घंटे पहले ही हुआ था और यह भी स्पष्ट हुआ कि नवजात को जन्म देने के तुरंत बाद ही झाड़ियों में फेंक भी दिया गया। फिलहाल बच्चे की हालत स्थिर व सामान्य भी है।

CCTV कैमरे निकले खराब, तलाश में जुटी पुलिस

पुलिस ने घटना स्थल के आसपास सीसीटीवी फुटेज खंगालने का प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्यवश कैमरे खराब ही पाए गए। अब पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर सुराग भी जुटा रही है।

कोतवाली प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया,

“जल्द ही नवजात को फेंकने वाले व मां का पता लगा लिया जाएगा। हम सभी संभावित पहलुओं की जांच भी कर रहे हैं।”

एम्स पीआरओ संदीप कुमार ने जानकारी दी कि

नवजात को निक्कू वार्ड में भर्ती किया गया है और उसकी देखभाल चिकित्सकों की निगरानी में ही चल रही है।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

  1. 29 मार्च 2024 – गोविंदनगर डंपिंग जोन में कूड़े के ढेर में एक थैले में नवजात का शव भी मिला था। एक महिला सफाई कर्मचारी ने जब थैला खोला तो अंदर मृत नवजात शिशु मिला। पुलिस आज तक इस मामले में किसी नतीजे पर ही नहीं पहुंच पाई।
  2. 18 नवंबर 2020 – लक्ष्मणझूला-नीलकंठ मार्ग पर गरुड़चट्टी के पास पुलिस को एक- दो दिन का नवजात जीवित अवस्था में भी मिला था। उसे पहले राजकीय अस्पताल व बाद में एम्स में भर्ती भी कराया गया था। 18 दिनों के इलाज के बाद नवजात को शिशु सदन, केदारपुरम देहरादून में भेजा गया था।