प्रेमनगर में धर्मांतरण केस — आगरा जेल से लाए गए पांच आरोपी, कोर्ट ने भेजा न्यायिक अभिरक्षा में
देहरादून में अवैध धर्मांतरण के मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। थाना प्रेमनगर में दर्ज उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत चल रही जांच में 5 आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपियों को तलब करने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र भी दायर किया था, जिसके बाद आगरा पुलिस ने जिला कारागार आगरा में बंद पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश भी किया।
मामला बरेली निवासी एक व्यक्ति की शिकायत से ही जुड़ा है। उसने प्रेमनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी छोटी बहन, जो आगरा पुलिस द्वारा पकड़े गए धर्मांतरण गिरोह से जुड़ी थी, उन आरोपियों के संपर्क में आकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित भी हुई। शिकायत में कहा गया कि आरोपियों ने युवती का ब्रेनवॉश किया और उसे अन्य हिंदू युवक-युवतियों को भी धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने को भी कहा।
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि युवती की फेसबुक पर आयशा उर्फ कृष्णा नाम की महिला से पहचान भी हुई थी। उसने युवती को लालच व प्रलोभन देकर अपने साथियों अब्दुल रहमान, उसके बेटे अब्दुल रहीम व अब्दुल्ला के साथ मिलकर उसका धर्म परिवर्तन कराया। आरोपियों ने युवती को अन्य लोगों को भी इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया और उसके बैंक खाते में पैसे भी जमा कराए।
इसके अलावा, आरोपी अब्दुल रहमान ने युवती की मुलाकात सहसपुर निवासी अब्दुर रहमान से कराई, जिसने रानीपोखरी निवासी एक अन्य युवती को भी धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने की कोशिश भी की। पुलिस जांच में पाया गया कि सभी आरोपी पहले से ही आगरा पुलिस द्वारा धर्मांतरण केस में गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं।
देहरादून पुलिस ने जांच के दौरान प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर अदालत से वारंट-बी जारी करने की अनुमति भी मांगी थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर आगरा पुलिस ने पांचों आरोपियों को देहरादून न्यायालय में पेश भी किया।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि कोर्ट ने प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर पांचों आरोपियों —
- अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह निवासी दिल्ली,
- एसवी कृष्णा उर्फ आयशा माहेनूर निवासी गोवा,
- अब्दुर रहमान उर्फ रूपेंद्र सिंह निवासी देहरादून,
- अब्दुल रहीम निवासी दिल्ली,
- अब्दुल्ला निवासी दिल्ली —
को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया है।
पुलिस का कहना है कि मामले में धर्मांतरण के लिए आर्थिक प्रलोभन व सोशल मीडिया नेटवर्किंग के माध्यम से प्रभाव डालने जैसी कई नई जानकारियां भी सामने आई हैं। इन पहलुओं की जांच आगे भी जारी रहेगी।