एसटीएफ और जिला पुलिस की जेल से फरार हत्यारे के साथ पुलिस मुठभेड़, युवक गिरफ्तार
एसटीएफ और जिला पुलिस की जेल से फरार हत्यारे के साथ हुई पुलिस मुठभेड़, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ की अपराधियों के घेराबंदी रणनीति का परिणाम –एसटीएफ ने जिला कारागार हरिद्वार से फरार हत्यारा को किया पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार। जिला कारागार हरिद्वार में रामलीला में दिया था बानर का किरदार–जेल की दीवार फतेह कर हो गया था फरार। अपराधी की गिरप्तारी पर रखा गया था– 50 हजार रूपये का ईनाम।
हरिद्वार जेल फरारी मामला: एसटीएफ और पुलिस की मुठभेड़ में फरार कैदी पंकज गिरफ्तार
हरिद्वार, उत्तराखंड एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि हरिद्वार जिला कारागार से पिछले साल दशहरे के अवसर पर फरार हुए कैदी पंकज को 30 जनवरी की रात एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ में घायल हुए पंकज को पुलिस ने इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है।
एसटीएफ प्रमुख ने बताया कि पिछले वर्ष 11 अक्टूबर को हरिद्वार जेल में रामलीला का मंचन हो रहा था, जिसमें कैदी पंकज और रामकुमार को वानर सेना का किरदार सौंपा गया था। इस मौके का फायदा उठाकर दोनों कैदी जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे। इसके बाद से हरिद्वार पुलिस और एसटीएफ द्वारा इनकी तलाश जारी थी। रामकुमार को पहले ही हरियाणा के यमुनानगर से गिरफ्तार किया जा चुका था, जबकि पंकज की तलाश में पुलिस ने 50,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
मुठभेड़ के दौरान जब पुलिस ने पंकज को घेरा, तो उसने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी कार्रवाई की। पुलिस की गोली पंकज के पैर में लगी, जिससे वह घायल हो गया और उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। घायल कैदी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज भी चल रहा है।
अब पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि पंकज इतने माह तक कहां छिपा रहा और उसे किसने मदद दी। इसके अलावा, यह भी जांचा जा रहा है कि क्या उसकी फरारी के पीछे किसी बड़े अपराधी गिरोह का हाथ भी था।
इस घटना ने जेल सुरक्षा व्यवस्था और अपराधियों के बीच संपर्क के नए पहलुओं को उजागर किया है, जिसके बाद पुलिस उच्च स्तरीय जांच की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है।