जनजातीय क्षेत्रों में 1000 होम स्टे विकसित करने की योजना, उत्तराखंड को मिलेगा सीधा लाभ

देशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने व जनजातीय इलाकों में आर्थिक सशक्तीकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत 1000 होम स्टे भी विकसित किए जाएंगे। केंद्र सरकार इस योजना के अंतर्गत हर गांव में 5 से 10 होम स्टे की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता भी देगी। इस योजना से उत्तराखंड के जनजातीय बहुल जिले चकराता, उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ को विशेष रूप से लाभ मिलने की संभावना भी है।

संसद में केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हरिद्वार सांसद व पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक प्रश्न के उत्तर में संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही दी। सांसद त्रिवेंद्र ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होम स्टे को बढ़ावा देने का मुद्दा भी उठाया था।

बजट में होम स्टे को लेकर नई घोषणाएं

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि

वर्ष 2025-26 के बजट में होम स्टे इकाइयों को संपार्श्विक रहित संस्थागत ऋण (Collateral-free Institutional Loans) देने की घोषणा भी की गई है। इसके साथ ही पर्यटन मंत्रालय द्वारा अतुल्य भारत बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना के तहत होम स्टे को स्वर्ण व रजत श्रेणियों में वर्गीकृत भी किया जा रहा है और सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

उत्तराखंड की सहकारी समितियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में भी उत्तराखंड को अब बड़ी राहत मिली है। राज्य की 670 प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियां अब डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी जुड़ चुकी हैं, जिन्हें नाबार्ड द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर पर संचालित भी किया जा रहा है।

इस संबंध में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत को जानकारी दी कि राज्य में 587 नई सहकारी समितियां भी बनाई गई हैं जो विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों में संलग्न भी हैं।

तकनीकी संसाधनों के लिए मिला केंद्रीय सहयोग

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि

सहकारी समितियों को कंप्यूटर, बायोमीट्रिक डिवाइस, प्रिंटर, यूपीएस व वीपीएन कनेक्टिविटी जैसे आधुनिक संसाधन भी प्रदान किए गए हैं। इस योजना की कुल लागत 13.48 करोड़ रुपये भी है, जिसमें से 12.13 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध भी कराए गए हैं।

हरिद्वार में दुग्ध समितियों का होगा विस्तार

साथ ही हरिद्वार जिले में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी एक कदम उठाए गए हैं। यहां 27 नई दुग्ध समितियां भी बनाई जाएंगी, जबकि मौजूदा 25 समितियों को सशक्त भी किया जाएगा। इसके अलावा सहकारी आंदोलन को विस्तार देने के लिए नई समितियों की स्थापना की योजना भी है।