विद्यालयों में नये विषय खोलने को प्रस्ताव भेजें अधिकारीः डॉ. धन सिंह रावत
कहा, इस वित्तीय वर्ष के सभी प्रस्ताव अप्रैल माह तक उपलब्ध करायें सीईओ घटती छात्रसंख्या को लेकर जांच समिति गठित, एक सप्ताह में देनी होगी रिपोर्ट
विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में आवश्यकतानुसार नये विषय खोले जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जिलों के प्रस्ताव महानिदेशालय को शीघ्र भेजने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों को यह भी आदेश दिया गया है कि इस माह के भीतर विद्यालयों के उच्चीकरण, क्लस्टर विद्यालयों की स्थापना, और डी व सी श्रेणी के स्कूलों से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजे जाएं।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को शिक्षा विभाग की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेभर के विद्यालयों में नये विषयों की मांग को ध्यान में रखते हुए महानिदेशालय को शीघ्र प्रस्ताव भेजें। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अभिभावक संघों द्वारा समय-समय पर नये विषयों की मांग की जाती रही है।
बैठक में डॉ. रावत ने यह भी कहा कि सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जिलों के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो-दो विद्यालयों के उच्चीकरण एवं राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों की स्थापना के प्रस्ताव भी भेजने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक विकासखण्ड में प्रस्तावित कलस्टर विद्यालयों, जीर्ण-शीर्ण स्कूलों, तथा डी और सी श्रेणी के विद्यालयों के निर्माण के प्रस्ताव भी इस माह तक शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
विभागीय मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि जिन जनपदों से समय पर प्रस्ताव प्राप्त नहीं होंगे, उनके मुख्य शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा, डॉ. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी सरकारी विद्यालयों में पेयजल, विद्युत, फर्नीचर, कंप्यूटर, और शौचालय की सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत बच्चों के प्रवेश सुनिश्चित करने, किताबों, स्कूल ड्रेस, और मनमानी फीस वृद्धि पर भी कड़ी नजर रखने की बात कही।
घटती छात्रसंख्या की जांच को गठित होगी समिति
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में घटती छात्रसंख्या को लेकर चिंता जताई। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि गिरती छात्रसंख्या की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की जाए। यह समिति विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करके एक सप्ताह के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर विद्यालयों में छात्रवृद्धि को लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।