केदारनाथ यात्रा बनी महिला सशक्तिकरण का माध्यम, 10.44 लाख का कारोबार कर आत्मनिर्भर बनीं महिलाएं

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा अब सिर्फ श्रद्धा व भक्ति की नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की मिसाल भी बन चुकी है। ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत इस साल अब तक महिला स्वयं सहायता समूहों ने केदारनाथ मंदिर के प्रतीक (सोविनियर) तैयार भी कर 10.44 लाख रुपये का कारोबार किया है, जिससे उन्हें लगभग साढ़े तीन लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा भी हुआ है।

2019 में हुई थी शुरुआत, अब बन रहा है स्थायी रोजगार

यह पहल साल 2019 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य महिलाओं को केदारनाथ यात्रा से जोड़कर आत्मनिर्भर भी बनाना था। शुरुआत में उन्हें स्थानीय उत्पादों से केदारनाथ का प्रसाद तैयार करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी, जो बेहद सफल भी रही। अब बीते 6 वर्षों से महिला समूह यात्रा के लिए प्रसाद के साथ-साथ मंदिर के प्रतीक भी बना रहे हैं, जिससे उन्हें सतत रोजगार भी मिल रहा है।

सरल केंद्र बना स्वरोजगार का केंद्र

ग्रामोत्थान परियोजना के तहत चंदनगंगा आजीविका स्वायत्त सहकारिता व ईष्ट घंडियाल उत्पादक समूह बडेथ ने मिलकर अगस्त्यमुनि के सरल केंद्र में सामुदायिक आधारित उद्यम स्थापित भी किया है। यहां कुल 15 महिलाएं कार्यरत हैं, जो कंप्यूटराइज्ड मशीनों की मदद से केदारनाथ मंदिर के प्रतीक डिज़ाइन भी कर रही हैं।

आकर्षक डिजाइन और बेहतर बाजार

महिलाएं डिज़ाइन के विभिन्न हिस्सों को जोड़कर आकर्षक सजावटी प्रतीक तैयार भी कर रही हैं। एक प्रतीक को तैयार करने में उन्हें लगभग 15 से 20 मिनट का समय भी लगता है। यात्रा के दौरान अब तक 20750 प्रतीक बनाए व बेचे जा चुके हैं, जिनकी ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री लगातार ही जारी है।