रुड़की में अवैध सर्प विष संग्रहण केंद्र का भंडाफोड़: मेनका गांधी ने डीएफओ और एसडीओ पर लगाए गंभीर आरोप

रुड़की, 13 सितंबर 2025 — उत्तराखंड के रुड़की क्षेत्र के खंजरपुर गांव में अवैध रूप से संचालित सर्प विष संग्रहण केंद्र के खुलासे के बाद विवाद गहराता जा रहा है। इस मामले में सांसद और ‘पीपल फॉर एनिमल्स’ संस्था की संस्थापक मेनका गांधी ने वन विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए, इसे ‘भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण’ बताया है।

मुख्यमंत्री समेत शीर्ष अधिकारियों को भेजा गया पत्र

पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने इस मामले को लेकर:

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,

  • मुख्य सचिव, और

  • एडीजी विजिलेंस

को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने हरिद्वार के डीएफओ और एसडीओ को तत्काल निलंबित करने और वन विभाग से हटाने की सिफारिश की है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों अधिकारी संग्रहण केंद्र संचालक के साथ मिलीभगत में शामिल हैं।

क्या है मामला?

  • 10 सितंबर को, वन विभाग की टीम ने खंजरपुर गांव में अवैध रूप से चल रहे सर्प विष संग्रहण केंद्र पर छापा मारा।

  • छापे में 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर बरामद किए गए।

  • इस केंद्र की अनुमति दिसंबर 2023 में ही समाप्त हो चुकी थी।

  • संचालक ‘वेनम’ मौके से जरूरी अभिलेखों सहित फरार हो गया है।

पहले से दी गई थी जानकारी, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई

मेनका गांधी का कहना है कि इस अवैध केंद्र की जानकारी पूर्व में हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ और एसडीओ को दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उनका आरोप है:

“यह कोई सामान्य मामला नहीं, बल्कि वन विभाग में व्याप्त गंभीर भ्रष्टाचार का प्रमाण है।”

सरकार ने प्रमुख वन संरक्षक से मांगी रिपोर्ट

राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) से विस्तृत रिपोर्ट (आख्या) तलब की है। माना जा रहा है कि इस मामले में शीघ्र ही विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।

मेनका गांधी की प्रमुख मांगें:

  1. डीएफओ और एसडीओ को तत्काल निलंबित किया जाए।

  2. दोनों अधिकारियों को विभाग से हटाया जाए।

  3. डीएफओ की संपत्ति की जांच कराई जाए।

  4. संचालक वेनम को गिरफ्तार कर आवश्यक अभिलेख जब्त किए जाएं।

सवालों के घेरे में वन विभाग की कार्यप्रणाली

इस पूरे प्रकरण ने वन विभाग की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक अवधि-समाप्त केंद्र में इतने खतरनाक सांपों का ज़हर अवैध रूप से संग्रह करना, वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम का सीधा उल्लंघन है, और इससे सार्वजनिक सुरक्षा को भी खतरा हो सकता था।