उत्तराखंड में नशा तस्करी का बढ़ता नेटवर्क: STF की कार्रवाई में 208 करोड़ का मादक पदार्थ जब्त
उत्तराखंड में नशे का जाल तेजी से फैलता जा रहा है, लेकिन इसके खिलाफ पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की कार्रवाई भी उतनी ही तेज़ हो गई है। राज्य में ‘नशा मुक्त उत्तराखंड’ अभियान के तहत बीते तीन वर्षों में रिकॉर्ड स्तर पर कार्रवाई की गई है। भारी मात्रा में नशीली दवाइयां, सिंथेटिक ड्रग्स, और अन्य खतरनाक रसायन जब्त किए गए हैं, और हजारों आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है। उत्तराखंड पुलिस और STF द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 तक NDPS एक्ट के तहत 3,431 मुकदमे दर्ज किए गए और 4,440 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जब्त की गई नशे की सामग्री की कुल अनुमानित कीमत लगभग 208 करोड़ रुपए है।
जब्त की गई सामग्री में शामिल हैं:
-
681.09 किलोग्राम चरस
-
649.79 किलोग्राम डोडा
-
61.22 किलोग्राम अफीम
-
58.98 किलोग्राम हीरोइन
-
4954.34 किलोग्राम गांजा
-
7,20,278 नशीली गोलियां
-
38,919 इंजेक्शन
-
7,18,201 कैप्सूल
-
साथ ही कोकीन, सिंथेटिक ड्रग्स और फार्मा केमिकल्स भी जब्त किए गए।
नशा तस्करी के नए ट्रेंड में अब एमडीएमए (MDMA) और अन्य सिंथेटिक दवाएं सामने आ रही हैं। ये ड्रग्स न सिर्फ तेजी से युवाओं को निशाना बना रही हैं, बल्कि पुलिस के लिए भी चुनौती बन गई हैं।
जुलाई 2025 में चंपावत जिले में STF ने एक बड़ी कार्रवाई कर 5.688 किलो एमडीएमए के साथ पति-पत्नी को गिरफ्तार किया। वहीं, उधम सिंह नगर में एक युवक से खतरनाक रसायनों सहित बड़ी मात्रा में प्रीकर्सर केमिकल्स बरामद किए गए:
-
57.5 लीटर मिथाइलिन क्लोराइड
-
20 लीटर एसिटोन
-
47.5 लीटर हाइड्रोक्लोरिक एसिड
-
28 किलो सोडियम हाइड्राइड
-
अन्य केमिकल्स
यह सभी रसायन सिंथेटिक ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल किए जाते हैं।
STF ने देहरादून में एक फार्मा फैक्ट्री पर छापेमारी कर नशीली दवाओं का बड़ा जखीरा बरामद किया:
-
900 Paracetamol-Tramadol Capsules
-
694 Buprenorphine-Naloxone Tablets
-
192 बोतल Syrup (LYKAREX-TM)
-
सैकड़ों बिना रैपर की बोतलें व टैबलेट
हरिद्वार के रानीपुर क्षेत्र से 3.4 लाख नशीले कैप्सूल बरामद हुए, वहीं देहरादून के डिपो से 2.16 लाख शीशी नशीले सिरप और 6 लाख ट्रामाडोल कैप्सूल जब्त किए गए।
चंडीगढ़ NCB की कार्रवाई में खुलासा हुआ कि हरिद्वार के सिडकुल में स्थित एक फार्मा कंपनी से 60,000 प्रतिबंधित गोलियां तस्करों को सप्लाई की जा रही थीं। पूछताछ के बाद कंपनी में छापा मारा गया और 2.5 लाख अतिरिक्त गोलियां जब्त की गईं।
नीलेश आनंद भरणे, पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था), का कहना है:
“उत्तराखंड पुलिस ड्रग्स की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रही है। नशा तस्करों की धरपकड़ के साथ ही जन जागरूकता पर विशेष फोकस किया गया है। हमारी कोशिश है कि ड्रग पेडलर्स को जेल भेजा जाए और युवाओं को नशे से दूर रखा जाए।”
उत्तराखंड में ड्रग माफियाओं के खिलाफ चल रही यह मुहिम राज्य को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पुलिस, STF और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सरकार जिस गंभीरता से काम कर रही है, उससे उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में प्रदेश को नशे के इस जाल से पूरी तरह आज़ादी मिल सकेगी।