जून में दिसंबर जैसा अहसास: उत्तराखंड में 10 वर्षों की सबसे ठंडी शुरुआत

उत्तराखंड में प्री-मानसून ने तोड़ी गर्मी की कमर, जून के पहले हफ्ते में रिकॉर्ड ठंड

देहरादून: उत्तराखंड में इस वर्ष की प्री-मानसून बारिश ने न सिर्फ मई की भीषण गर्मी से राहत दिलाई, बल्कि जून की तपिश पर भी ब्रेक लगा दिया है। बीते 10 वर्षों में यह पहली बार है जब जून के पहले सप्ताह में मौसम इतना ठंडा व सुहावना महसूस भी किया गया है।

पर्वतीय क्षेत्रों में जहां गर्म कपड़े फिर से बाहर आ गए हैं, वहीं मैदानी इलाकों में एसी और कूलर भी बंद हो गए हैं। राजधानी देहरादून में जून के पहले सप्ताह में 2 बार अधिकतम तापमान सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस कम भी दर्ज किया गया है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री और बुधवार को 27.7 डिग्री रहा, जो सामान्य से काफी कम भी है। वहीं, मंगलवार रात को न्यूनतम तापमान 17.3 डिग्री रहा, जो बीते 10 सालों का सबसे कम तापमान भी है।

राज्यभर में मौसम सुहावना

देहरादून के साथ-साथ राज्य के अन्य हिस्सों में भी मौसम ठंडा व बादलों से ढका रहा। 25 मई को भी दून का तापमान सामान्य से 8 डिग्री तक गिरा था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी महसूस हो रहा है, जिससे रात के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट भी आई है।

प्री-मानसून में दिखा असर, बदलते मौसम का संकेत

इस बार प्री-मानसून बारिश की मात्रा में भी इजाफा देखा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सब बदलते मौसम के पैटर्न व जलवायु परिवर्तन का नतीजा भी है। मिजोरम विश्वविद्यालय के प्रो. विश्वम्भर प्रसाद सती ने कहा कि जलवायु में हो रहे अत्यधिक बदलाव जैसे अत्यधिक वर्षा, गर्मी या ठंड, पृथ्वी के अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी भी हैं।

आज के मौसम का पूर्वानुमान

  • हल्की बारिश की संभावना
  • तेज हवाएं व गर्जन के आसार
  • अधिकतम तापमान: 31°C
  • न्यूनतम तापमान: 18°C

10 सालों में जून में दून का न्यूनतम तापमान (°C)

वर्ष न्यूनतम तापमान तिथि
2015 19.4 26, 29 जून
2016 20.1 6 जून
2017 19.5 1, 10 जून
2018 18.4 2 जून
2019 19.0 18 जून
2020 19.1 1 जून
2021 19.0 12 जून
2022 19.0 19 जून
2023 18.2 1 जून
2024 17.3 4 जून

जलवायु परिवर्तन के 7 प्रमुख कारण (प्रो. वी.पी. सती के अनुसार)

  1. पृथ्वी की परिक्रमा और परिभ्रमण (ऋतु परिवर्तन)
  2. एंथ्रोपोजेनिक ग्लोबल वार्मिंग (मानवजनित गर्मी)
  3. बायो थर्मोस्टैट और बादल निर्माण
  4. एल्बेडो प्रभाव (सूर्य की रोशनी का परावर्तन)
  5. ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन
  6. महासागरीय धाराओं का बदलाव
  7. सौर परिवर्तनशीलता और ग्रहों की गति

इन कारणों से सिर्फ पृथ्वी के तापमान में वृद्धि ही नहीं होती, बल्कि अत्यधिक ठंड जैसे घटनाएं भी सामने आती हैं, जो जलवायु परिवर्तन की जटिलता को दर्शाती भी हैं।