सर्दी में कम बारिश का असर: झीलों और गौला नदी का जलस्तर घटा, गर्मियों में पानी की समस्या की आशंका

इस बार सर्दी के मौसम में कम बारिश, ओलावृष्टि व बर्फबारी का असर जिले की झीलों और गौला नदी पर दिखने लगा है। 6 फरवरी को नैनीझील का जलस्तर बीते 4 वर्षों में सबसे कम रिकॉर्ड किया गया। यही हाल अन्य झीलों और गौला नदी का भी है। अगर फरवरी व मार्च माह में बारिश नहीं हुई, तो आने वाली गर्मियों में पानी का संकट गहरा सकता है।

पिछले वर्ष ग्रीष्म सीजन में अत्यधिक गर्मी और बारिश की अधिकता के कारण झीलों का जलस्तर 12 फीट तक भी पहुंच गया था। इस बार सर्दियों में बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन बारिश बेहद कम हुई। 9 दिसंबर को पहली बर्फबारी और 12 जनवरी को दूसरी बर्फबारी हुई, जो केवल ऊंचाई वाले क्षेत्रों तक ही सीमित रही। नगर में हल्की बारिश व हिमकण गिरने के बावजूद, इनसे झील के जलस्तर में कोई खास बदलाव तो नहीं आया। परिणामस्वरूप, 6 फरवरी को नैनीझील का जलस्तर 6 फीट 1 इंच नापा गया, जो बीते 4 वर्षों में सबसे कम है।

झीलों का जलस्तर (चार सालों में 6 फरवरी को)

वर्ष नैनीताल भीमताल सातताल नौकुचियाताल
2022 9.02 फीट 43.8 फीट 15.7 फीट 15.9 फीट
2023 6.08 फीट 42 फीट 12.6 फीट 13.6 फीट
2024 6.02 फीट 38.6 फीट 12.3 फीट 12.4 फीट
2025 6.01 फीट 43.2 फीट 12.7 फीट 12.8 फीट

 

गौला नदी में जलस्तर में गिरावट

हल्द्वानी में बारिश न होने के कारण गौला नदी का जलस्तर भी घट रहा है। 5 फरवरी के आंकड़ों के अनुसार इस साल गौला नदी का जलस्तर सबसे कम 118 क्यूसेक रहा है। अगर बारिश नहीं हुई और जलस्तर इसी तरह गिरता रहा, तो गर्मियों में शहर में पेयजल व सिंचाई संकट गहरा सकता है। सिंचाई विभाग के गौला बैराज प्रभारी, सहायक अभियंता मनोज तिवारी के अनुसार, नदी में पानी कम होने से सिंचाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। यदि जलस्तर कम रहा तो सिंचाई के लिए पानी की भारी कमी भी हो सकती है, क्योंकि जल संस्थान को पेयजल भी उपलब्ध कराना पड़ता है। फिलहाल, जल संस्थान की आपूर्ति निरंतर जारी है, लेकिन जलस्तर गिरने पर पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।

गौला नदी का जलस्तर (चार वर्षों में 5 फरवरी को)

वर्ष जलस्तर (क्यूसेक में)
2022 616
2023 141
2024 147
2025 118