साइबर ठगों का तांडव, चार लोगों से 2.51 करोड़ रुपये की ठगी — वरिष्ठ नागरिकों को बनाया निशाना
उत्तराखंड की राजधानी दून में साइबर ठगों ने 4 लोगों को अपने जाल में फंसाकर कुल 2.51 करोड़ रुपये की ठगी ही कर डाली। पीड़ितों में 2 वरिष्ठ नागरिक, 1 कारोबारी और 1 निवेशक भी शामिल हैं। ठगों ने डिजिटल अरेस्ट, गिफ्ट भेजने व निवेश के नाम पर शातिराना तरीके से इनसे भारी रकम भी ठग ली।
एफडी व पेंशन लोन तुड़वाकर गंवाए लाखों
हरिद्वार के कनखल निवासी 78 वर्षीय विजेंद्र कुमार, सेवानिवृत्त अभियंता भी हैं। उन्होंने बताया कि
एक शातिर कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का एसपी बताकर धमकी दी कि उनके बैंक खाते में जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल द्वारा 6 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ट्रांसफर भी किए गए हैं। गिरफ्तारी के डर से वह घबरा गए व ठगों के कहने पर एफडी तुड़वाकर और पेंशन लोन लेकर 1.45 लाख रुपये उनके खाते में ट्रांसफर भी कर दिए।
21 लाख की ठगी: डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर
रुड़की निवासी सत्यबीर सिंह, जो एक सरकारी विभाग से रिटायर्ड भी हैं,
उन्हें एक कॉल पर खुद को CBI अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी भी दी गई। पहचान सत्यापित करने के नाम पर उनसे 21.30 लाख रुपये, एफडी व पेंशन लोन लेकर ट्रांसफर भी करवा लिए गए।
फेसबुक फ्रेंडशिप से शुरू हुई ठगी: 29 लाख का नुकसान
पथरीबाग, पटेलनगर निवासी लखी राम को एक महिला ने फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी व खुद को नीदरलैंड्स की जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में सीनियर मैनेजर भी बताया। गिफ्ट भेजने का झांसा देकर ठगों ने कस्टम चार्ज, टैक्स, बीमा आदि के नाम पर 29 लाख रुपये ही हड़प लिए। बाद में साइबर हेल्पलाइन का झांसा देकर 5 लाख रुपये और भी ठग लिए गए।
निवेश के नाम पर ठगे गए 61 लाख रुपये
रुड़की के मुनेश कुमार को सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें 21 हजार रुपये निवेश करने पर 7 दिनों में 6.50 लाख रुपये मिलने का दावा भी था। उन्होंने लिंक पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन किया व ठगों के निर्देश पर 61.21 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर भी कर दिए, लेकिन एक भी पैसा भी वापस नहीं मिला।
साइबर पुलिस ने दर्ज किए केस, जांच जारी
चारों मामलों में देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में अलग-अलग एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, वीडियो कॉल या सोशल मीडिया फ्रेंड रिक्वेस्ट पर व्यक्तिगत जानकारी या बैंक विवरण को साझा न करें, और धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क भी करें।
 
			