देहरादून में कांग्रेस का हंगामेदार प्रदर्शन — राज्य निर्वाचन आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग

देहरादून। देशव्यापी “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान के तहत उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने देहरादून स्थित राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय का घेराव किया। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्याकांत धस्माना ने ही किया।

सैकड़ों कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लिए जब आयोग के कार्यालय पहुंचे, तो पहले से भारी पुलिस बल भी तैनात था। पुलिस द्वारा यह बताने पर कि राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार कार्यालय में मौजूद नहीं हैं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वहीं जोरदार प्रदर्शन भी शुरू कर दिया। परिसर “वोट चोर गद्दी छोड़” के नारों से गूंज उठा।

इस दौरान आयोग के सचिव राहुल ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लेने की पेशकश की, लेकिन धस्माना ने साफ कहा कि वे ज्ञापन देने नहीं, बल्कि निर्वाचन आयुक्त को पद से ही हटाने आए हैं।

उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट का हवाला

धस्माना ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में पंचायती राज कानून का उल्लंघन किया, जिसके चलते नैनीताल उच्च न्यायालय ने दो बार आदेशों पर रोक भी लगाई। बाद में आयोग उच्चतम न्यायालय गया, जहां से उसे न केवल फटकार मिली बल्कि 2 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट प्रमाण है कि “राज्य निर्वाचन आयोग वोट चोरी में दोषी पाया गया है, इसलिए सुशील कुमार को 1 मिनट भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। अगर राज्यपाल उन्हें तुरंत बर्खास्त नहीं करते, तो कांग्रेस कार्यकर्ता खुद उन्हें कुर्सी से उठाकर बाहर करने को मजबूर भी होंगे।”

“मामला राजनीतिक नहीं, नैतिकता का है”

धस्माना ने कहा कि देश में वोट चोरी के दो बड़े मामले न्यायालय द्वारा सिद्ध हुए — पहला चंडीगढ़ मेयर चुनाव व दूसरा उत्तराखंड पंचायत चुनाव — दोनों में न्यायालय ने हस्तक्षेप कर दोषियों को दंडित भी किया है। ऐसे में यदि राज्य निर्वाचन आयुक्त पद पर बने रहते हैं तो यह लोकतंत्र के लिए भी खतरा है।

बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रहे शामिल

प्रदर्शन में पूर्व सैनिक विभाग अध्यक्ष कर्नल राम रतन नेगी, श्रम विभाग अध्यक्ष दिनेश कौशल, प्रदेश महामंत्री जगदीश धीमान, महिला कांग्रेस महामंत्री सुशील शर्मा सहित अनेक वरिष्ठ कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।