बागेश्वर में इलाज न मिलने से बच्चे की मौत, चार चिकित्सकों पर गिरी गाज, डीएम को जांच सौंपी

बागेश्वर: इलाज के अभाव में डेढ़ साल के मासूम की मौत, चार डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस, डीएम को सौंपी गई विस्तृत जांच

बागेश्वर। जिले में एक सैनिक के डेढ़ वर्ष के बच्चे की मौत के मामले ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इलाज के लिए एक के बाद एक 5 अस्पतालों में भटकने के बावजूद समय पर उपचार न मिलने से हुई बच्चे की मौत पर सरकार ने अब कड़ा रुख अपनाया है। शासन ने स्वास्थ्य विभाग के 4 वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है और पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश भी दिए हैं।

चार वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस, 7 दिन में जवाब तलब

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस मामले में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनुपमा ह्यांकी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तपन शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद सिंह जंगपागी व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर जवाब देने को भी कहा है।

विभागीय जांच से असंतुष्ट स्वास्थ्य सचिव ने डीएम को सौंपी जांच

डॉ. कुमार ने विभागीय जांच रिपोर्ट को अधूरी व पक्षपाती बताते हुए इससे असंतोष जताया है। उनका कहना है कि जांच रिपोर्ट में न तो मरीज के परिजनों का पक्ष शामिल किया गया, न ही रेफरल से पहले की गई चिकित्सकीय प्रक्रिया का कोई स्पष्ट विवरण भी है। उन्होंने बागेश्वर जिलाधिकारी को मामले की विस्तृत व निष्पक्ष जांच सौंपी है, ताकि पूरे घटनाक्रम की सच्चाई भी सामने आ सके।

मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त को सौंपी जांच

घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं संज्ञान लेते हुए कुमाऊं मंडलायुक्त को मामले की जांच भी सौंप दी है। सरकार का कहना है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।

पृष्ठभूमि: इलाज के इंतजार में बुझ गया मासूम जीवन

जानकारी के मुताबिक, बागेश्वर जिले के एक सैनिक का डेढ़ वर्ष का बेटा तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए एक-एक कर 5 अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन कहीं भी समय पर समुचित इलाज ही नहीं मिला। आखिरकार मासूम ने दम ही तोड़ दिया। इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की संवेदनहीनता व प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर कर दिया है।